MP Lok Sabha Election 2024: मध्य भारत, मालवा और निमाड़ अंचल में संभाली मतदान की गिरावट"/>

MP Lok Sabha Election 2024: मध्य भारत, मालवा और निमाड़ अंचल में संभाली मतदान की गिरावट

मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024 : पहले दो चरण के मतदान ने किया था निराश पर तीसरे और चौथे चरण के चुनाव ने संभाली स्थिति।

HIGHLIGHTS

  1. राज्य में हुए 2014 और 2019 के चुनाव में मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था।
  2. इस बार राज्य का औसत मतदान 66.77 प्रतिशत पहुंच गया।
  3. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हुआ था 77.15 प्रतिशत मतदान।

MP Lok Sabha Election 2024:  भोपाल। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई। पहले दो चरण के चुनाव में मतदान प्रतिशत घटने से चुनाव आयोग और राजनीतिक दल चिंतित थे, लेकिन तीसरे और चौथे चरण के चुनाव में निर्वाचकों ने मतदान की गिरावट को काफी हद तक थाम लिया।

खासतौर पर मध्य भारत, मालवा और निमाड़ अंचल में हुए मतदान की बदौलत राज्य का औसत मतदान 66.77 प्रतिशत पहुंच गया। यह 2019 में हुए मतदान की तुलना में कम अवश्य है पर जिस तरह की गिरावट पहले दो चरणों में सामने आई थी, वह यदि बरकरार रहती तो राज्य का औसत मतदान काफी कम रह जाता।

राज्य में हुए 2014 और 2019 के चुनाव में मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रत्येक चुनाव में पिछले चुनाव से लगभग 10 प्रतिशत अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। चूंकि, प्रदेश में पांच माह पूर्व नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें 77.15 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान करके रिकार्ड बनाया था। इसके चलते उम्मीद थी कि मतदाता लोकसभा चुनाव के रिकार्ड 71.16 मतदान को भी पीछे छोड़ देंगे।

naidunia_image

इसी हिसाब से राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग ने भी तैयारी की थी लेकिन विंध्य, बुंदेलखंड और महाकोशल की 12 लोकसभा सीटों पर पहले और दूसरे चरण में क्रमश: मतदान लगभग 7.48 और 9.03 प्रतिशत कम रहा। तीसरे चरण में ग्वालियर-चंबल और मध्य भारत की सीटों के लिए मतदान हुआ। इसमें .11 प्रतिशत मतदान बढ़ा। राजगढ़, विदिशा, गुना, भिंड और ग्वालियर लोकसभा क्षेत्रों में 2019 की तुलना में अधिक मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया।

 
 

इसका एक बड़ा कारण पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव लड़ना भी रहा। तीनों ने क्षेत्र में लगातार जनंसपर्क किया और मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रेरित किया। मालवा निमाड़ अंचल में भले ही 2019 की तुलना में औसत मतदान भले ही कम रहा हो पर इसका राज्य के औसत मतदान को थामने में बड़ा योगदान रहा क्योंकि यहां मतदाताओं की संख्या दूसरे नंबर पर थी।

बैतूल लोकसभा क्षेत्र के तीसरे चरण के चुनाव में शामिल होने के कारण मतदाताओं की संख्या बढ़ गई अन्यथा सर्वाधिक 1.63 करोड़ मतदाता मालवा निमाड़ अंचल में ही थे। यहां 71.72 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इसके कारण राज्य का औसत मतदान 66.77 प्रतिशत पहुंच गया, जो 2019 की तुलना में 4.35 प्रतिशत कम है। हालांकि, डाक मतपत्रों से हुआ मतदान इसमें शामिल होना शेष है। इसके बाद अंतर कुछ और कम हो जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button