अंग्रेजी नाम होने की वजह से लोगों ने Amitabh की इस फिल्म को किया था इग्नोर, बाद में मेकर्स ने उठाया ये कदम
HIGHLIGHTS
- इस फिल्म की कहानी विक्रमादित्य के नोबेल पर आधारित थी।
- इसका निर्देशन शक्ति सामंत ने किया था।
- ‘द ग्रेट गैंबलर’ फिल्म में हीरो का डबल रोल रखना चाहते थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। The Great Gambler Film Facts: बॉलीवुड के ऐसे कई किस्से हैं, जो बेहद ही दिलचस्प हैं। अमिताभ ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं, इन फिल्मों को दर्शकों का जमकर प्यार मिला है। ऐसी ही एक फिल्म अमिताभ बच्चन, जीनत अमान, नीतू कपूर और प्रेम चोपड़ा स्टारर ‘द ग्रेट गैंबलर’ थी। इस फिल्म को बनाने के पीछे काफी दिलचस्प किस्सा है। इस फिल्म की कहानी विक्रमादित्य के नोबेल पर आधारित थी, जिसका निर्देशन शक्ति सामंत ने किया था। शक्ति सामंत ‘द ग्रेट गैंबलर’ फिल्म में हीरो का डबल रोल रखना चाहते थे।
बिग बजट में बनी है द ग्रेट गैंबलर फिल्म
शक्ति सामंत इस फिल्म के लिए पहले शमी कपूर को लेना चाहते थे। यह प्रोजेक्ट काफी बड़ा था और इसके लिए बजट भी काफी चाहिए था। इस फिल्म को बनाने से पहले उन्होंने एक और स्मॉल प्रोजेक्ट पर काम करने का सोचा, जिससे बजट भी कलेक्ट हो जाता। उन्होंने ‘आराधना’ फिल्म बनाई, जो कि सुपरहिट हुई।
उस समय राजेश खन्ना के स्टारडम ने फिल्म को अच्छी कमाई लाकर दी। इसके बाद शक्ति ने अपनी फिल्म ‘द ग्रेट गैंबलर’ पर काम करना शुरू किया और इसके लिए लीड हीरो अमिताभ बच्चन को चुना, क्योंकि उस समय उनका करियर पीक पर था। 1979 में जब ‘The Great Gambler’ फिल्म बनकर तैयार हुई और रिलीज हो गई, तो लोगों को लगा कि यह एक अंग्रेजी फिल्म है।
रिलीज के बाद हिंदी में किया प्रमोट
अंग्रेजी फिल्म समझने के कारण लोगों ने इसे ज्यादा रिस्पाॅन्स नहीं दिया। इसे देख मेकर्स को लगा कि उनकी गलती थी, फिल्म को हिंदी नाम से प्रमोट किया जाना था। रिलीज के कुछ दिन बात इस फिल्म को हिंदी नाम से प्रमोट किया जाने लगा, जो कि था ‘सबसे बड़ा जुआरी’।
इसके बाद फिल्म को लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा। इस फिल्म की अधिकतर शूटिंग विदेश में हुई थी। फिल्म के कई दृश्य बेहतरीन होने थे, जो कि दर्शकों को बांधे रखते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उस समय जीनत अमान भी टाॅप एक्ट्रेसेस में से एक मानी जाती थीं। अमिताभ बच्चन और जीनत अमान की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया।
कई फिल्मों में इस्तेमाल किया गया बैकग्राउंड म्यूजिक
फिल्म सबसे ज्यादा कुछ दिलचस्प रहा है, तो वह था इसका बैकग्राउंड म्यूजिक और इसके शानदार गाने। इतना ही नहीं, इस फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक कई फिल्मों में इस्तेमाल किया गया। 1949 की फिल्म अंदाज के लिए मजरुह सुल्तानपुरी ने गाना लिखा था ‘डर ना मोहब्बत कर ले’ जिसके ओरिजिनल बोल थे ‘दो लफ्जों की एक कहानी’। इसी से इंस्पायर होकर आनंद बक्शी ने फिल्म द ग्रेट गैंबलर के लिए गाना लिखा।