Crime File Indore: इंटेलिजेंस तक पहुंची पिटाई कांड की गोपनीय रिपोर्ट
Crime File Indore: क्राइम फाइल इंदौर, मुकेश मंगल
जोन-2 में होटल संचालक पिटाई कांड तो जैसे-तैसे सुलझाया कि जोन-4 में रायता फैल गया। इस बार मामला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा होने से इंटेलिजेंस तक सकते में है। पिटाई के बहाने अफसरों का लेखाजोखा तैयार हो रहा है। पिटाई करने वाले टीआइ (द्वारकापुरी) अनिल गुप्ता इसके पहले विधायक की शिकायत पर हटाए गए थे। इस बार डिप्टी कलेक्टर के भाई पर हाथ छोड़ दिए जो संघ कार्यकर्ता है और बड़े पदाधिकारियों का करीबी भी है। टीआइ ने डायल-100 पर काल कर विवाद की सूचना देने पर उसकी पिटाई कर डाली। गलती का एहसास होते ही टीआइ प्रतिदिन हाजिरी लगा रहे हैं। डीसीपी ऋषिकेश मीना जांच करवा रहे हैं। मामला भले ही उजागर नहीं हुआ लेकिन अंदर ही अंदर सुलगता जा रहा है। इंटेलिजेंस लगातार हो रही इन घटनाओं को लेकर अफसरों से चर्चा न करते हुए खुद ही जानकारी जुटा रहा है।
क्राइम ब्रांच और थानों में रार, सबसे ज्यादा बड़े साहब की चर्चा
छोटा-मोटा जुआं-सट्टा और शराब पकड़ कर खानापूर्ति में लगी क्राइम ब्रांच इन दिनों थाना और जोन अफसरों के निशाने पर है। अफसरों ने स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि क्राइम ब्रांच वालों के उठने-बैठने के ठीए और शुभ-लाभ के रिकार्ड बनाए जाएं। निशाने पर बड़े साहब भी हैं। तत्कालीन डीसीपी निमिष अग्रवाल के कार्यकाल में अपराध शाखा कायदे में थी। उनके तबादले के बाद डीसीपी हंसराजसिंह ने पद संभाला लेकिन कामकाज एडीसीपी राजेश दंडोतिया की देखरेख में ही होता है। अपराध शाखा में वर्षों पुराने एसआइ-एएसआइ और जवान जमे हैं। लेकिन अग्रवाल के जाते ही टीमों ने क्षेत्र बांट लिए। जुआं-सट्टा, शराब, धोखाधड़ी, एडवाइजरी और मिलावटखोरी के मामलों का बंटवारा हो गया। जोन के अफसरों को खबर मिली शहर में बड़े माफिया पर तो कार्रवाई नहीं होती। बल्कि साहब से शुभ-लाभ न करने वालों के अड्डों पर छापा मारा जाता है।