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Amarnath Yatra 2024: भगवान शिव ने इस वजह से किया था नंदी का त्याग, जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथा

HIGHLIGHTS

  1. अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त को खत्म होगी।
  2. अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु काफी उत्साहित रहते हैं।
  3. अमरनाथ तक पहुंचने के लिए भक्तों को लंबी यात्रा करनी पड़ती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ मंदिर को हिंदुओं के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ मंदिर में बाबा बर्फानी के दर्शन करने जाते हैं। इस बार बाबा अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त को खत्म होगी। अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु काफी उत्साहित रहते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमरनाथ धाम में शिव विराजमान हैं, जिनके दर्शन से साधक को बहुत लाभ प्राप्त होता है।

अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ से शिवलिंग बनता है। जिन्हें अमरेश्वर और बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है। अमरनाथ तक पहुंचने के लिए भक्तों को लंबी यात्रा करनी पड़ती है और चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।

माता पार्वती को सुनाई थी कथा

ऐसा माना जाता है कि एक बार माता पार्वती ने महादेव से उनकी अमरता का रहस्य पूछा, तो महादेव ने उनकी बात सुनी और कहानी सुनाई। लेकिन इससे पहले भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में जाने से पहले कई चीजों का त्याग किया था, जिसके बाद महादेव ने माता पार्वती को यह कहानी सुनाई थी। आइए, जानते हैं कि अमरनाथ गुफा में जाने से पहले भगवान शिव ने किन चीजों का त्याग कर दिया था।

शिव जी ने किया था इन चीजों का त्याग

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने सबसे पहले नंदी का त्याग किया था। ऐसा माना जाता है कि जिस स्थान पर भगवान ने नंदी का त्याग किया था। वह स्थान पहलगांव कहलाया। इसके बाद उन्होंने चंद्रमा का त्याग कर दिया, इस स्थान को चंदनवाड़ी कहा जाता है। इसके बाद उन्होंने नाग का त्याग किया और वह स्थान शेषनाग कहलाया। अंततः भगवान शिव ने मां गंगा को अपनी जटाओं से त्याग दिया और उस स्थान को पंचतरणी के नाम से जाना जाने लगा।

कहा जाता है कि अमरनाथ गुफा में जाने से पहले भगवान शिव ने गणपति बप्पा को महागुन पर्वत पर विराजमान किया था और उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी कि कथा के दौरान कोई भी गुफा में प्रवेश न करे। अमरनाथ यात्रा के दौरान इन पवित्र स्थानों के दर्शन किए जाते हैं।

  ‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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