E Challan Fraud: ट्रैफिक ई-चालान के नाम पर ठगी, ई-मेल और वाट्सएप पर भेज रहे हैं लिंक, क्लिक करते ही बैंक अकाउंट हो सकता है खाली"/>

E Challan Fraud: ट्रैफिक ई-चालान के नाम पर ठगी, ई-मेल और वाट्सएप पर भेज रहे हैं लिंक, क्लिक करते ही बैंक अकाउंट हो सकता है खाली

HIGHLIGHTS

  1. – ई-मेल, साधारण और वाट्सएप पर भेजे जा रहे हैं फर्जी ई-चालान
  2. – रायपुर पुलिस ने किया अलर्ट
  3. – फर्जी ई चालान को ऐसे पहचानें और ठगी से बचें

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। E Challan Fraud: अब साइबर अपराधियों ने भी ट्रैफिक पुलिस के सामानांतर ई-चालान भेजना शुरू कर दिया है। आप भी सतर्क रहें। यह ई चालान आपके मोबाइल पर भी आ सकता है। हूबहू से दिखने वाले ई-चालान मैसेज के लिंक पर क्लिक करने से सीधे साइबर अपराधियों के लिए आपके अकाउंट तक पहुंचने का रास्ता खुल जाता है। इसे लेकर रायपुर यातायात पुलिस ने भी लोगों को ऐसे फर्जी ई चालान से सावधान किया है। ये ई चालान ई मेल, साधारण टेक्स्ट और वाटसएप पर भेजे जा रहे हैं।

आइटी मंत्रालय ने भी किया अलर्ट

इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी देशभर में ट्रैफिक ई-चालान के नाम पर हो रही ठगी को लेकर लोगों को अगाह किया है। मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि साइबर फ्राड फर्जी ई-चालान भेजकर लोगों से ठगी कर रहे हैं। अगर आपके पास भी कोई ट्रैफिक ई-चालान आता है तो सावधान हो जाएं। आप भी फर्जीवाड़े के शिकार हो सकते हैं। हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप फर्जी ई-चालान मैसेज को पहचान सकते हैं और ठगी के शिकार होने से बच सकते हैं।

Gov.In नहीं है तो समझो फेक है

पुलिस अफसरों के मुताबिक साइबर ठगों की तरफ से आने वाले लिंक पर क्लिक कर भुगतान की कोशिश में लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। कोई भी यूजर क्लिक करता है और अपने बैंक अकाउंट डिटेल या डेबिट-क्रेडिट कार्ड की जानकारी डालता है, वैसे ही हैकर्स सबसे पहले उसके फोन को हैक करते हैं।

थोड़ी देर तक फोन को अपने कंट्रोल में रखकर बैंक खाता या डेबिट-क्रेडिट का पूरा बैलेंस साफ कर देते हैं। कभी भी ई-चालान का मेसेज किसी भी मोबाइल नंबर से नहीं आता है। जिस लिंक को खोलकर चालान का भुगतान कर रहे हैं, उस वेबसाइट का लिंक .gov.in पर खत्म होना चहिए।वहीं ई-चालान का मैसेज आने पर साइट पर जाकर भी जांच कर सकते है।

साइबर ठगों के पास ई-चालान का भुगतान

साइबर सेल के थाना प्रभारी गौरव तिवारी के मुताबिक यह एक नए तरह का स्कैम है। लोगों को ऐसे टेक्स्ट मेसेज भेजे जा रहे हैं जो देखने में ऐसे लगते हैं जैसे वे ट्रैफिक पुलिस से हों। मैसेज में लिखा होता है कि आपने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है और उसका जुर्माना भरना होगा।

मैसेज में एक लिंक भी शामिल होता है जिस पर यूजर को जुर्माना भरने के लिए क्लिक करने को निर्देश दिया जाता है। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद लोगों को एक फर्जी वेबसाइट पर री-डायरेक्ट किया जाता है।उसके बाद पेमेंट ले लिया जाता है।इसके अलावा कई बार लिंक के जरिए यूजर्स के फोन को भी हैक किया जाता है और पर्सनल डेटा चोरी कर लिया जाता है।

असली नकली ई-चालान को ऐसे पहचानें

यातायात पुलिस के अफसरों का कहना है कि असली चालान के मैसेज में इंजन नंबर, चेसिस नंबर जैसी जानकारी होती हैं। असली चालान के मैसेज के साथ आए लिंक पर क्लिक करने पर वह लिंक यूजर्स को सरकार की आधिकारिक साइट https:/echallan.parivahan.gov.in पर री-डायरेक्ट करता है। नकली साइट का लिंक कुछ ऐसा https:/echallan.parivahan.in/ है।इसमें. gov.in को हटा दिया गया है।

ठगी होने पर यह करें

नेशनल साइबर कंप्लेंट पोर्टल नंबर 1930 पर काल करें,www.cybercrime.gov.in या फिर स्थानीय साइबर थाना, पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराएं।साइबर ठगों की https://echallan.parivahan.in साइट को पहचानें।

केस वन: रायपुरा निवासी ऋषि उईके के वाटसएप पर एेसा ही एक हजार रुपये का ई-चालान पहुंचा तो वह चकित हो गया।चालान का पता लगाने वह यातायात मुख्यालय पहुंचा तब बताया गया कि यह फेंक है।

केस टू: सेजबहार निवासी मूलचंद गोस्वामी को भी वाटसएप पर पांच सौ रुपये का ई-चालान भेजा गया था। उसने अपने एक परिचित पुलिस अधिकारियों को यह ई चालान दिखाया तो उन्होंने उसे साइबर ठगों से सावधान रहने को कहा।

केस थ्री: पुरानी बस्ती के सिद्वार्थ कुमार के मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज में ई चालान आया तो उसने भी यातायात पुलिस थाने से संपर्क कर यह संदेश दिखाया। पता चला कि साइबर ठग ऐसे फर्जी संदेश भेजकर ठगी कर रहे है।

एडिशनल एसपी ट्रैफिक सचिंद्र चौबे ने कहा, आम लोगों को फर्जी ई-चालान भेजकर साइबर ठग ठगी कर रहे हैं।इस तरह की शिकायत लगातार मिल रही है। चालान भेजने के बाद ठग भुगतान करने एक स्कैम लिंक भेजते हैं और उसपर क्लिक करने को बोलते हैं। ऐसे संदेशों से सावधान रहे और पुलिस में शिकायत करे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button