साय के इस्‍तीफे पर बोले भगत, कांग्रेस में रणनीति समझने आए थे नंद कुमार, CM विष्‍णुदेव ने कहा- कांग्रेस डूबती नैया"/> साय के इस्‍तीफे पर बोले भगत, कांग्रेस में रणनीति समझने आए थे नंद कुमार, CM विष्‍णुदेव ने कहा- कांग्रेस डूबती नैया"/>

साय के इस्‍तीफे पर बोले भगत, कांग्रेस में रणनीति समझने आए थे नंद कुमार, CM विष्‍णुदेव ने कहा- कांग्रेस डूबती नैया

HIGHLIGHTS

  1. नंद कुमार साय के इस्‍तीफ के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म
  2. सीएम विष्णुदेव साय बोले- कांग्रेस डूबती नैया, पार्टी छोड़कर भाग रहे हारे प्रत्याशी
  3. साय के इस्तीफा दिए जाने पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने भाजपा पर लगाया आरोप

रायपुर (राज्य ब्यूरो)। Nand Kumar Sai Resignation: छत्‍तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका देने वाले वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया है। इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। दोनों ही प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ गई है।

इस बीच नंद कुमार साय के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि कांग्रेस तो डूबती नैया है। हारे हुए प्रत्याशी कांग्रेस छोड़कर भाग रहे हैं। नंद कुमार साय हमसे वरिष्ठ और मार्गदर्शक रहे हैं। भाजपा में शामिल होने के कयासों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तो प्रदेश अध्यक्ष ही बता पाएंगे।

साय के इस्तीफा पर अमरजीत भगत ने भाजपा पर लगाया आरोप

इधर, नंद कुमार साय के इस्तीफा दिए जाने पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने भाजपा पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की प्लानिंग का ये हिस्सा था। नंद कुमार साय प्लानिंग के तहत कांग्रेस में आए थे। उन्होंने कांग्रेस की रणनीति के बारे में जानकारी ली और फिर चुनाव खत्म होने के बाद वापस जा रहे हैं।

बताते चलें कि आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने भाजपा से 30 अप्रैल को इस्तीफा देने के एक दिन बाद एक मई को कांग्रेस की सदस्यता ली थी। चुनाव से पहले साय के इस्तीफे की घोषणा से भाजपा में हलचल मच गई थी। साय ने भाजपा पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया था। नंद कुमार साय के कांग्रेस में शामिल होते ही उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था।

तोड़ने में भरोसा करने वाली कांग्रेस खुद टूट रही : भाजपा

प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि तोड़ने में भरोसा करने वाली कांग्रेस खुद टूट रही है। कांग्रेस में भले लोगों का कोई काम नहीं है। महंत रामसुंदर दास के साथ कांग्रेस ने राजनीति की। पूरे प्रदेश में सर्वाधिक अंतर से हार के बाद उन्हें कांग्रेस के भीतर का खेल समझ में आ गया तो उन्होंने इस्तीफा दे दी। कई और वरिष्ठ कांग्रेसियों ने पार्टी छोड़ दी। अब वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने भी इस्तीफा दे दिया है।

यह कांग्रेस की अंतर्कथा का प्रमाण है। नंद कुमार साय को भूपेश बघेल ले तो गए लेकिन उन्हें यथोचित सम्मान नहीं दिया। आदिवासी समाज का सम्मान केवल भाजपा ही कर सकती है। कांग्रेस आदिवासी नेताओं का सिर्फ दोहन करने का काम करती है। आदिवासी शोषण कांग्रेस का इतिहास रहा है। नंद कुमार साय चंद महीनों में भूपेश बघेल और कांग्रेस की असलियत से परिचित हो गए हैं।

केदार कश्यप ने कहा कि पांच वर्ष के शासनकाल में कांग्रेस के कार्यकर्ता हर तरह से अपमानित हो रहे थे। अब उनका आक्रोश व्यक्त हो रहा है। कांग्रेस को अब आत्ममंथन करने की जरूरत है, लेकिन वह यह करने के बजाय अपने नेताओं के आक्रोश व आवाज को दबाने के अलोकतांत्रिक रवैए का परिचय दे रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button