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Magh Purnima 2024: माघ पूर्णिमा 24 फरवरी को, पूजा के बाद आखिर में जरूर करें ये आरती, देवी लक्ष्मी भी होगी प्रसन्न

HIGHLIGHTS

  1. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए हर माह की पूर्णिमा और एकादशी तिथि को व्रत रखा जाता है।
  2. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है और धन की प्राप्ति होती है।
  3. माघ माह की पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 को है।

धर्म डेस्क, इंदौर। सनातन धर्म में जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए हर माह की पूर्णिमा और एकादशी तिथि को व्रत रखा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है और धन की प्राप्ति होती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, माघ माह की पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 को है और इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा करने के बाद भगवान विष्णु की ये आरती जरूर करना चाहिए। साथ ही पूजा के दौरान भगवान विष्णु को पीले रंग का फूल, हल्दी, कुमकुम, खीर, अक्षत आदि चीजें अर्पित करना चाहिए।

 

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भगवान विष्णु जी की आरती (Lord Vishnu Aarti Lyrics )

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।

भगवान विष्णु की आरती

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।

स्वामी दुःख विनसे मन का।

सुख संपत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥

ॐ जय जगदीश हरे।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।

स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।

स्वामी तुम अन्तर्यामी।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।

स्वामी तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

स्वामी सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥

ॐ जय जगदीश हरे।

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

स्वामी तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा।

स्वामी पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, सन्तन की सेवा॥

ॐ जय जगदीश हरे।

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।

स्वामी जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

 
 

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