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Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी आज, विघ्नहर्ता श्रीगणेशजी के साथ इनकी भी पूजा का है विधान

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखकर विघ्नहर्ता की पूजा करने का विधान है। इनके बिना व्रत अधूरा रहता है वैसे भी संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय काफी देर से होता है इसी वजह से व्रती को चंद्रमा के उदित होने की बहुत प्रतीक्षा होती है । इस बार संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी मंगलवार को होने से अंगारकी रूप में विशेष पुण्यफलदायनी मानी है।

HIGHLIGHTS

  1. दिन व्रत रखकर विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की करते हैं पूजा।
  2. संकष्टी चतुर्थी का अर्थ है संकटों का नाश करने वाली चतुर्थी।
  3. गणेश जी का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है इस दिन गणेश जी के साथ चंद्रदेव की पूजा का विधान है। मां शारदा देवी धाम मैहर के प्रख्यात वास्तु एवं ज्योतिर्विद पंडित मोहनलाल द्विवेदी ने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

दिन व्रत रखकर विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा करने का विधान

कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखकर विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा करने का विधान है। हर माह में एक संकष्टी चतुर्थी का व्रत होता है उस दिन गणेश जी के साथ चंद्रमा की पूजा का भी विधान है। इनके बिना व्रत अधूरा रहता है वैसे भी संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय काफी देर से होता है इसी वजह से व्रती को चंद्रमा के उदित होने की बहुत प्रतीक्षा होती है। इस बार संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी मंगलवार को होने से अंगारकी रूप में विशेष पुण्यफलदायनी मानी जाएगी।

संकष्टी चतुर्थी का अर्थ है संकटों का नाश करने वाली चतुर्थी

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