Deepak Ke Niyam: मुख्य द्वार पर लगा रहे हैं दीपक, तो इन नियमों का करें पालन, मां लक्ष्मी का होगा आगमन"/>

Deepak Ke Niyam: मुख्य द्वार पर लगा रहे हैं दीपक, तो इन नियमों का करें पालन, मां लक्ष्मी का होगा आगमन

HIGHLIGHTS

  1. दीपक जलाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
  2. मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय दिशा का भी ध्यान रखें।
  3. दीपक को हमेशा प्रवेश द्वार पर रखना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। Deepak ke Niyam: अधिकतर लोग अपने घर के मंदिर में प्रतिदिन पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा करने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इतना ही नहीं, शाम के समय मुख्य रूप से दीपक जलाए जाते हैं। हिंदू धर्म में दीपक को शुभता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाने की परंपरा है। शाम के समय दीपक जलाते समय कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।

बनी रहेगी सुख-समृद्धि

पूजा के दौरान मुख्य रूप से देवी-देवताओं के सामने दीपक जलाए जाते हैं। कोई भी पूजा या अनुष्ठान दीपक के बिना पूरा नहीं माना जाता है। नियमित रूप से शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। साथ ही परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

इन बातों का रखें ध्यान

मुख्य द्वार पर दीपक जलाने के लिए हमेशा घी या सरसों के तेल का उपयोग करना चाहिए। ध्यान रखें कि अगर आप घी का दीपक जलाते हैं, तो आपको रुई की बाती का इस्तेमाल करना होगा। वहीं, अगर आप तेल का दीपक जलाते हैं, तो लाल धागे की बाती का इस्तेमाल करें।

इस तरह रखें दीपक

मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय दिशा का भी ध्यान रखें। दीपक को हमेशा प्रवेश द्वार पर रखना चाहिए, ताकि घर से बाहर निकलते समय दीपक आपके दाहिनी ओर रहे। ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।

ऐसे दीपक का न करें इस्तेमाल

धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि मुख्य द्वार पर दीपक हमेशा गोधूली बेला में यानी शाम के समय जलाना चाहिए। जब आप दीपक जलाएं, तो इस बात का ध्यान रखें कि दीपक कहीं से टूटा या खंडित हुआ न हो। अन्यथा आपको इसके अशुभ परिणाम मिलेंगे।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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