Astro Tips For Clothes: इस तरह के वस्त्र पहनकर न करें पूजा-पाठ, सभी पुण्य कर्म हो जाएंगे नष्ट"/> Astro Tips For Clothes: इस तरह के वस्त्र पहनकर न करें पूजा-पाठ, सभी पुण्य कर्म हो जाएंगे नष्ट"/>

Astro Tips For Clothes: इस तरह के वस्त्र पहनकर न करें पूजा-पाठ, सभी पुण्य कर्म हो जाएंगे नष्ट

HIGHLIGHTS

  1. विद्वान् पुरुष, धोबी के धोए हुए वस्त्र को अशुद्ध मानते हैं।
  2. अपने हाथ से पुनः धोने पर ही वह वस्त्र शुद्ध माना जाता है।
  3. पहने हुए वस्त्र को बिना धोये पुनः नहीं पहनना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। Astro Tips For Clothes: वर्तमान समय में कई तरह के कपड़े पहने जाने लगे हैं। हम कपड़ो के मामले में हमें खूब प्रकार देखने को मिल रहे हैं। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में कपड़ों को लेकर भी कुछ बातें बताई गई हैं। शास्त्रों के अनुसार, ऐसे कई तरह के कपड़े और कपड़ों के रंग होते हैं, जिन्हें पूजा करते समय या फिर कुछ खास मौके पर नहीं पहनना चाहिए। आज हम आपको कपड़ों से जुड़े कुछ नियम बताने जा रहे हैं, जिनका पालन आपको जरूर करना चाहिए।

वस्त्र धारण करने से जुड़े नियम

  • एक वस्त्र धारण करके न तो भोजन करें, न यज्ञ करें, न दान करें, न अग्नि में आहुति दें, न स्वाध्याय करें और न ही पितृ तर्पण करें।
    • सोने के लिए दूसरा वस्त्र जरूर होना चाहिए। घूमने जाने के लिये दूसरा तथा देवताओं की पूजा के लिए दूसरा ही वस्त्र रखना चाहिए।

     

    • विद्वान् पुरुष, धोबी के धोए हुए वस्त्र को अशुद्ध मानते हैं। अपने हाथ से पुनः धोने पर ही वह वस्त्र शुद्ध माना जाता है।

     

    • जिन वस्त्रों की किनारी या मगजी न लगी हो, ऐसा वस्त्र धारण करने योग्य नहीं माना जाता है।

     

    • पहले के पहने हुए वस्त्र को बिना धोये पुनः नहीं पहनना चाहिए।

     

    • वस्त्र के ऊपर जल छिड़क कर ही उसे पहनना चाहिए।

     

    • धन के रहते हुए पुराने और मैले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए

     

    • गीले कपड़े कभी नहीं पहनने चाहिए।

     

    • अधिक लाल, रंग बिरंगे, नीले और काले रंग के वस्त्र पहनना अच्छा नहीं माना जाता है।

     

    • कपड़ों और गहनों को उल्टा करके न पहनें। उनमें कभी भी उलटफेर नहीं करना चाहिए।

     

    • दूसरों के पहने हुए कपड़े कभी नहीं पहनने चाहिए।

     

    • जो नील में रंगा हुआ वस्त्र पहनता है, उसके स्नान, दान, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ तर्पण और पंचमहायज्ञ- ये सभी कार्य व्यर्थ हो जाते हैं।

     

    डिसक्लेमर

    ‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी

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