बड़ा बदलाव : दो वर्षीय स्पेशल B.Ed कोर्स बंद, अब सिर्फ चार वर्षीय कोर्स को मिलेगी मान्यता
HIGHLIGHTS
- भारतीय पुनर्वास परिषद ने जारी किया है यह निर्देश l
- l2024-25 से दो वर्षीय कोर्स की मान्यता देने पर रोक l
- प्रदेश के 16 संस्थानों में स्पेशल बीएड, डीएलएड की होती है पढ़ाई l
मनीष मिश्रा, रायपुर। Big change in BEd Course: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के तहत बैचलर आफ एजुकेशन (बीएड) कोर्स में बड़ा बदलाव किया गया है। देश व प्रदेश में अब सिर्फ चार वर्षीय स्पेशल बीएड पाठ्यक्रम चलेंगे। भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआइ) ने अपना दो वर्षीय स्पेशल (दिव्यांग) बीएड पाठ्यक्रम बंद करने का निर्णय लिया है। अब इसकी जगह चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड (स्नातक के साथ बीएड) कोर्स को मान्यता दी जाएगी।
परिषद ने आगामी शिक्षा सत्र 2024-25 से दो वर्षीय दिव्यांग बीएड संचालित करने के लिए संस्थानों को मान्यता देने पर रोक लगा दी है। यहां पर अब सिर्फ चार वर्षीय स्पेशल बीएड कोर्स ही चलाया जाएगा। जिन कालेजों में दो वर्षीय बीएड कोर्स चल रहे हैं, वहां अभी चलते रहेंगे, लेकिन अब नए कालेजों को दो वर्षीय बीएड कोर्स शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। देशभर के कालेजों में स्पेशल बीएड कोर्स शुरू करने के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद मान्यता देता है।
छत्तीसगढ़ में 16 संस्थानों में बीएड, डीएड समेत अन्य स्पेशल पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है। सभी उच्च शिक्षण संस्थान जो आगे स्पेशल बीएड कोर्स चलाना चाहते हैं, उन्हें अब चार वर्षीय स्पेशल बीएड कोर्स के लिए ही आवेदन करना होगा। इसके लिए जल्द ही पोर्टल ओपन होंगे। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पहले से जो दो वर्षीय स्पेशल बीएड कोर्स चल रहे हैं, वो सत्र 2024-25 में चलेंगे या उन्हें भी बंद कर दिया जाएगा।
शिक्षकों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार नए पैटर्न पर नया इंटीग्रेटेड (स्नातक सह बीएड) टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आइटीईपी) जैसे, बीए-बीएड, बीएससी-बीएड, बीकाम-बीएड को विकसित किया है। इसी प्रकार का पाठ्यक्रम चार वर्षीय स्पेशल बीएड के लिए तैयार किया जा रहा है।
संस्थानों को 2030 तक लेनी होगी मान्यता
विशेषज्ञों ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत चार वर्षीय स्पेशल बीएड कोर्स ही चलेंगे और सभी संस्थानों को 2030 तक हर हाल में इसके लिए मान्यता लेनी होगी। इसके बाद दो वर्षीय बीएड और स्पेशल बीएड कोर्स पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए भी सिर्फ चार वर्षीय बीएड कोर्स की ही शैक्षणिक योग्यता रह जाएगी। यही नियम स्पेशल बीएड में भी लागू होगा।
फिलहाल संस्थानों को मान्यता देना बंद किया गया है ताकि अगले पांच-छह वर्ष में सभी चार वर्षीय बीएड कोर्स लागू कर लें। जिन कालेजों को 2024-25 सत्र के लिए पहले से दो वर्षीय स्पेशल बीएड की मान्यता मिली हुई है, उन पर किसी तरह की रोक का उल्लेख सर्कुलर में नहीं है।
बीएड फर्स्ट सेमेस्टर परीक्षा के लिए आवेदन 15 तक
बीएड फर्स्ट सेमेस्टर एग्जाम के लिए आनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभ्यर्थी 15 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद विलंब शुल्क के साथ 16 से 20 जनवरी तक फार्म भरे जाएंगे। परीक्षा जनवरी के आखिरी सप्ताह या फिर फरवरी के पहले सप्ताह में होने की संभावना है। इसके लिए पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की ओर से जल्द ही समय सारणी जारी की जाएगी।
छात्रों को एक वर्ष का होगा फायदा चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू होने से छात्रों को एक वर्ष का फायदा होगा। अभी छात्रों को दो वर्षीय बीएड में प्रवेश स्नातक के बाद मिलता है। तीन वर्ष तक स्नातक की पढ़ाई करते हैं, इसके बाद दो वर्ष तक बीएड करते हैं।
इस तरह छात्रों को पांच वर्ष में बीएड की डिग्री मिल पाती है। चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में बारहवीं के बाद सीधे प्रवेश मिलेगा। चार वर्ष में स्नातक के साथ बीएड की डिग्री भी मिल जाएगी। अभी भी बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकाम-बीएड शुरू हो गए हैं, लेकिन अभी इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश कम हो रहे हैं।