Diwali पर सोना खरीदने के ये है शानदार विकल्प, किसपर पर कितना लगेगा टैक्स, निवेश से पहले समझें नियम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Gold Buying On Dhanteras and Diwali 2023: धनतेरस और दीपावली पर सोना-चांदी की बिक्री में तेजी है। इस मौके पर निवेश करना शुभ माना जाता है। इस दौरान अधिकांश लोग सोना खरीदना पसंद करते हैं। कुछ समय से सोने के दामों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अगर आप गोल्ड खरीदने की सोच रहे हैं तो इसके दूसरे निवेश के विकल्प भी है। सोने में कई तरीकों से निवेश किया जा सकता है। इन पर टैक्स नियम भी अलग-अलग हैं।
डिजिटल गोल्ड
पेटीएम, फोनपे और बैंक डिजिटल गोल्ड बेचते हैं। आप ऑनलाइन 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं। यहां ऑनलाइन पैसा लगाना होता है। इसमें स्टोरेज और चोरी होने का डर नहीं होता है। यदि आप 36 महीने से कम समय के लिए इसमें निवेश करते हैं, तो टैक्स नहीं लगेगा। इसके ऊपर के अवधि पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। यानी रिटर्न पर टैक्स के साथ सेस देना पड़ेगा।
इसमें शॉर्ट कम कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का नियम लागू है। 36 महीने से कम सोना रखकर बेचने पर रिटर्न को इनकम में जोड़ा जाएगा। टैक्स लायबिलिटी के हिसाब से जो टैक्स रेट रहेगा। उस हिसाब से टैक्स देना होगा।
फिजिकल गोल्ड
सोने सबसे ज्यादा फिजिकल खरीदा जाता है। आप गहने, सिक्का या गोल्ड बार खरीद सकते हैं। इसमें आपको मेकिंग चार्ज और जीएसटी देखना होगा।
पेपर गोल्ड
सोने में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड ईटीएप और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश किया जा सकता है। गोल्ड बॉन्ड पर ब्याज मिलता रहता है। जो अन्य स्त्रोतों से आय श्रेणी में आता है। जिसपर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। बॉन्ड में निवेश करने के 8 वर्षों बाद रिटर्न मिलता है। जो टैक्स फ्री होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पांच वर्षों का लॉकइन पीरियड होता है। यदि 5 सालों के बाद या पहले इस बेचते हैं तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है।