काम की खबर: Rent Agreement की जरूरत समझें, मकान मालिक व किराएदार इन बातों का रखें खास ध्यान
बिजनेस डेस्क, इंदौर। बाहर नौकरी या पढ़ने वाले लोगों के लिए किराए पर कमरा या घर लेकर रहना आम बात है। इस दौरान मकान मालिक को रेंट एग्रीमेंट ध्यान से बनवा लेना चाहिए। यह मकान मालिक और किराएदार को नियमों के दायरे में लेकर आता है।
रेंट एग्रीमेंट क्या है
रेंट एग्रीमेंट को सरल भाषा में समझें तो यह एक मकान मालिक व किराएदार को नियमों के दायरे में लाने के लिए होता है। इस समझौते में दोनों ही पार्टियों के लिए कई नियम होते हैं, जिनको फॉलो करना पड़ता है। रेंट एग्रीमेंट में मंथली रेंट, सिक्योरिटी डिपॉजिट व एग्रीमेंट का टेन्योर और कई शर्तों को शामिल किया जाता है।
किराएदारों अक्सर रेंट एग्रीमेंट से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह उनके लिए काफी फायदेमंद होता है। अगर, रेंट एंग्रीमेंट न हो तो मकान मालिक किसी भी तरह की मनमानी कर सकता है। वह आपको कभी घर से बाहर निकाल सकता है। वह कभी भी मकान का रेंट बढ़ा सकता है। आपको हाउस रेंट अलाउंस का लाभ चाहिए, तो रेंट एग्रीमेंट होना चाहिए।
रेंट एग्रीमेंट में क्या होना चाहिए
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- रेंट एग्रीमेंट यह होना चाहिए कि किराया किस तारीख तक देना। किराए में देरी होने पर कितनी पेनल्टी लगेगी उसका भी जिक्र होना चाहिए।
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- रेंट एग्रीमेंट किराया बढ़ाने से संबंधित जानकारी होनी चाहिए। कब और कितना किराया बढ़ेगा यह लिखा होना चाहिए।
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- मकान के मेंटेनेंस का चार्ज, पानी व बिजली का भुगतान कौन करेगा, इसकी पूरी जानकारी रेंट एग्रीमेंट में लिखी होनी चाहिए।
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- रेंट एग्रीमेंट कब अमान्य होगा इसके बारे में भी लिखा होना चाहिए।
इस बात का मकान मालिक जरूर रखें ध्यान
मकान मालिक अक्सर इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उनके घर पर कोई किराएदार कब्जा न कर लें। इसका उपाय है कि आप रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड जरूर करवाएं। ऐसा न करवाने पर किराएदार मकान को खाली करने से भी मना कर सकता है।