Raipur News : रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था का आलम, स्वच्छता पखवाड़ा खत्म होते ही फिर पसरी गंदगी, शौचालय में जड़ा ताला"/>

Raipur News : रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था का आलम, स्वच्छता पखवाड़ा खत्म होते ही फिर पसरी गंदगी, शौचालय में जड़ा ताला

रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रेलवे स्टेशन में अव्यवस्था के चलते यात्री काफी परेशान हैं। एक तरफ लगातार ट्रेनें रद होने का सिलसिला जारी है, वहीं समस्याओं का अंबार लगने से दिक्कतें बढ़ गई हैं। दरअसल स्टेशन का एस्केललेटर खराब होने से यात्रियों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। वहीं सार्वजनिक शौचालय में ताला लगा हुआ है। अनारक्षित टिकट के लिए एटीवीएम की सुविधाएं भी कई दिनों से बंद हैं। शिकायत के बाद भी रेलवे प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। इन सुविधाओं के बंद होने से पहले से ही परेशान यात्रियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

रायपुर रेल मंडल में दो अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया। इस दौरान रोज अलग-अलग थीम पर रेलवे अधिकारियों के साथ कर्मचारियों ने जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही हाथों में झाड़ू लेकर स्टेशन परिसर, रेलवे कालोनी, डब्ल्यूआरएस कालोनी, रेल मंडल कार्यालय आदि की दिखावे के तौर पर साफ-सफाई कर स्वच्छता अभियान को सफल होने का दावा किया, लेकिन स्वच्छता पखवाड़ा खत्म होते ही फिर से वहीं हालत सामने आ गई। स्टेशन में जगह-जगह गंदगी पसरी हुई है। गंदगी को देखने के बाद भी अधिकारी इसे नदरअंदाज कर आगे बढ़ जाते हैं। यही वजह है कि हर जगह गंदगी बिखरी नजर आती है। जीआरपी और आरपीएफ के जवान सिर्फ ट्रेन आने के समय ही दिखाई देते हैं। प्लेटफार्म एक को छोड़ बाकी जगह सफाई दिखती नहीं है।

पूछताछ केंद्र में जानकारी लेने मारामारी

रायपुर स्टेशन में सुबह से लेकर रात तक हमेशा यात्रियों की भीड़ लगी रहती है। रोजाना 50 हजार से अधिक यात्री यहां से आना-जाना करते हैं, लेकिन पूछताछ केंद्र एक ही है। पूछताछ का एक ही काउंटर खुलने से वहां यात्रियों की हमेशा लाइन लगी रहती है। महिला-पुरुष सभी एक ही लाइन में खड़े रहने के मजबूर होते हैं। हर किसी को हड़बड़ी रहती है, इस वजह से पूछताछ के दौरान विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। भीड़ की वजह से लोगों को यह भी समझ नहीं आता कि अंदर बैठा व्यक्ति क्या जानकारी दे रहा है।

चिल्लर की किल्लत

स्टेशन के टिकट काउंटरों में हमेशा चिल्लर की किल्लत रहती है। काउंटर में बैठे कर्मचारी चिल्लर देने में आनाकानी करते हैं, एक रुपये के लिए टिकट तक रोक देते हैं। एक-दो रुपये के लिए यात्री पांच रुपये छोड़कर चले जाते हैं। रोजाना हजारों यात्रियों के दो से तीन रुपये काउंटर में रह जाते हैं। सालों से स्टेशन में चिल्लर मशीन लगाने की मांग चल रही है, लेकिन अब तक नहीं लग पाई है।

शोभा बढ़ा रहे मेटल डिटेक्टर

स्टेशन के गेट नंबर एक और दो में लगे मेटल डिटेक्टर सिर्फ शोभा बढ़ा रहे हैं। आरपीएफ,जीआरपी इसके जरिए आज तक एक भी हथियार तस्कर को नहीं पकड़ पाई है। संदिग्धों को पकड़ने वहां पर कोई सुरक्षा कर्मी भी तैनात नहीं रहता है,इसलिए मेटल डिटेक्टर केवल खानापूर्ति साबित हो रहा है।

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