Raipur News: हत्या के आरोपित आइएएस के भाई ने पांच साल बाद किया आत्मसमर्पण, ओवरटेक की वजह से हुआ था विवाद"/> Raipur News: हत्या के आरोपित आइएएस के भाई ने पांच साल बाद किया आत्मसमर्पण, ओवरटेक की वजह से हुआ था विवाद"/>

Raipur News: हत्या के आरोपित आइएएस के भाई ने पांच साल बाद किया आत्मसमर्पण, ओवरटेक की वजह से हुआ था विवाद

HIGHLIGHTS

  1. कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपरवाइजर को चाकू मारकर उतारा था मौत घाट
  2. इस मामले में पुलिस दो आरोपित को गिरफ्तार कर भेज चुकी है जेल
  3. इस घटना के आरोपित वरुण ने किया आत्मसमर्पण, समीर अब भी फरार

रायपुर। Raipur Crime News: नवा रायपुर में पांच साल पहले हुई कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपरवाइजर की हत्या मामले में फरार आरोपित मुख्य आरोपित वरुण कौशल ने मंदिर हसौद थाने में आत्मसमर्पण किया है। आरोपित वरुण ने वर्ष 2018 में अपने साथी समीर सहित अन्य साथियों के साथ मिलकर कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपरवाइजर तुहिन मलिक को चाकू से गोदकर मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद से वह लगातार फरार चल रहा था। पुलिस आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। आरोपित वरुण कौशल प्रदेश की एक महिला आइएएस अधिकारी का भाई है। आरोपित के खिलाफ राजधानी के अलग-अलग थानों में हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, बलवा, उगाही, मारपीट समेत कुल 11 गंभीर अपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।

यह है मामला

10 मार्च 2018 की आधी रात कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपरवाइजर तुहिन मलिक की बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के पीछे कार रेसिंग के दौरान तुहिन मलिक की गाड़ी को ओवरटेक कर दोपहिया वाहन सवार निकला था। इसे लेकर विवाद इतना बढ़ा कि वरुण कौशल ने कार में सवार तीन साथियों के साथ मिलकर तुहिन और इंजीनियर अलंकार पाल पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया था।

इस घटना में गंभीर रूप से घायल तुहिन की मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने अभिषेक नागवंशी उर्फ बिट्टू और अभिलाष नागवंशी उर्फ बाबी को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। वहीं मुख्य आरोपित वरुण कौशल और समीर लगातार फरार चले रहे थे। वरुण ने आत्मसमर्पण कर दिया है। वहीं समीर अब भी फरार है।

पांच वर्ष में नहीं खोज सकी पुलिस

घटना को पांच वर्ष बीतने के बाद भी पुलिस आरोपित को नहीं पकड़ सकी थी। पुलिस ने इस मामले में 10 दिन के भीतर दो आरोपितों को पकड़ लिया था। पूछताछ में वरुण कौशल का नाम आने के बाद से कई तरह की बातें सामने आने लगी थी। पांच वर्ष बीतने के बाद भी आरोपित को पुलिस पता नहीं लगा सकी। उसकी कोई फोटो तक पुलिस ने जारी नहीं की थी। वहीं आत्मसमर्पण के बाद भी आरोपित को फोटो जारी नहीं की गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button