Nijjar Killing: विवाद के बीच Sikhs For Justice ने भारतीय मूल के हिंदुओं से कनाडा छोड़ने को कहा

HIGHLIGHTS

  1. और बढ़ा भारत-कनाडा तनाव
  2. SFJ ने दी धमकी
  3. पढ़िए हिंदुओं की प्रतिक्रिया

टोरंटो। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के मामले में भारत और कनाडा आमने-सामने हैं। ताजा खबर यह है कि खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice) ग्रुप ने आग में घी का काम किया है।

Sikhs for Justice ने कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के हिंदुओं को कनाडा छोड़ने के लिए कहा है। खालिस्तान समर्थक होने के कारण भारत सरकार ने 2019 में Sikhs for Justice (SFJ) पर प्रतिबंध लगा दिया था।

भारत-हिन्दू कनाडा छोड़ो

Sikhs for Justice के गुरपतवंत पन्नू ने एक वीडियो जारी कर यह धमकी दी है। वीडियो में पन्नू ने कहा है, “भारत-हिन्दू कनाडा छोड़ो, भारत जाओ। आप न केवल भारत का समर्थन करते हैं, बल्कि खालिस्तान समर्थक सिखों के भाषणों का विरोध भी करते हैं।

गुरपतवंत पन्नू का यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ है। बता दें, गुरपतवंत पन्नू को भारत में आतंकवादी घोषित किया जा चुका है।

Exclusive | Interpol Cites Religion Angle on Denial of India's Request  Against Sikh Separatist Pannun - News18

जानिए कैसे बढ़ा भारत-कनाडा तनाव

भारत और कनाडा के बीच यह विवाद उस समय शुरू हुआ, जब वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में कहा कि इस साल जून में हुई निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार के एजेंटों का हाथ हो सकता है।

इसके तत्काल बाद कनाडा ने भारतीय डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया। भारत ने कनाडा के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कनाडा के डिप्लोमैट को भी 5 दिन के भीतर दिल्ली छोड़ने के लिए कह दिया।

धमकी पर हिंदू संगठन की प्रतिक्रिया

कैनेडियन हिंदूज फॉर हार्मनी के प्रवक्ता विजय जैन ने पन्नू की धमकी पर चिंता व्यक्त की। कहा- ‘अब हम हर जगह पूर्ण पैमाने पर हिंदूफोबिया देख रहे हैं।’

जैन ने कहा कि निज्जर की हत्या में भारत की कथित संलिप्तता के बारे में ट्रूडो की टिप्पणी भावना को भड़का सकती है। हमें चिंता है कि इससे 1985 की तरह कनाडा में हिंदू लोगों की जान को खतरा हो सकता है।

बता दें, जून 1985 में एयर इंडिया मॉन्ट्रियल-लंदन-दिल्ली-बॉम्बे उड़ान पर खालिस्तानी बमबारी की गई थी, जिसमें 307 यात्री और चालक दल के 22 सदस्य मारे गए थे। यह कनाडा के इतिहास का सबसे भयानक आतंकवादी हमला था। कनाडा प्रतिवर्ष 23 जून को बमबारी में मारे गए लोगों की याद में आतंकवाद के पीड़ितों के लिए राष्ट्रीय स्मृति दिवस मनाता है।

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