Vrat Tyohar 2023: आगामी व्रत पर्वों को लेकर शंका और उसका समाधान
धर्म सिंधु निर्णय सिंधु ग्रंथ के अनुसार द्वितीय युक्त तृतीया का व्रत नहीं करना चाहिए इस कारण से हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को किया जायेगा।
जैसा कि आप सभी को ज्ञात है कि पिछले कुछ वर्षों से सभी व्रत पर्व आदि को लेकर समस्या उत्पन्न हो रही है कई बार कोई व्रत या पर्व 2 दिनों का हो है तो कई बार 1 ही दिन में 2–2 व्रत पर्व आ रहे है। इसी तरह इस वर्ष भी रक्षा बंधन, श्री कृष्ण जन्माष्टमी भी 2 दिन मनाए गए…!
अब हरतालिका व्रत,गणेश चतुर्थी,ऋषि पंचमी को लेकर बड़ी ही उलझन चल रही है। कोई कहता है 18 सितंबर को हरतलिका व्रत है,19 को गणेश चतुर्थी और 20 को ऋषि पंचमी मनाना चाहिए, कोई कहता है की 19 को ऋषि पंचमी है। आइए इसे समझते है..और इसका समाधान करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका व्रत किया जाता है चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है एवं पंचमी को ऋषि पंचमी का पूजन किया जाता है।
पंचांग अनुसार इस वर्ष तृतीया तिथि का प्रारंभ 17 सितंबर को सुबह 9:20 से प्रारंभ हो रहा है जिसका समापन 18 सितंबर को प्रातः10:15 पर होगा। इसके बाद चतुर्थी तिथि प्रारंभ हो जाएगी।
धर्म सिंधु निर्णय सिंधु ग्रंथ के अनुसार द्वितीय युक्त तृतीया का व्रत नहीं करना चाहिए इस कारण से हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को किया जायेगा। और इसी दिन प्रातः 10:15 के बाद से चतुर्थी तिथि लग जायेगी तो गणेश चतुर्थी व्रत भी इसी दिन रहेगा। चतुर्थी तिथि का समापन 19 सितंबर को प्रातः 10:41 पर होगा जिसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी। तो ऋषि पंचमी का व्रत इसी दिन ही किया जाएगा।
आप जानते हैं लोगों के मन में चल रही शंका और इसका समाधान
शंका (1) तीज और चतुर्थी 1 ही दिन है तो तीज की पूजा का मुहूर्त और गणेश स्थापना कैसे करें..?
समाधान– तीज की पूजा 18 को सुबह 10:15 से पहले हो जाना तो संभव है नही इस कारण से महिलाए कोशिश करें कि गौर का पूजन सुबह 10:15 से पहले करलें।
उदया तिथि के हिसाब से देखा जाय तो तृतीया तिथि दिन भर है मानी जायेगी
शंका (2) तीज की पूजा में बंधे फुलेरा का विसर्जन कब करें..और इसके विसर्जन के पूर्व गणेश जी की स्थापना की जा सकती है क्या..?
समाधान– व्रत नियमानुसार तो रात भर जागरण करना चाहिए और अगले दिन ही इसका विसर्जन करना चाहिए। गणेश जी किस स्थापना तीज का फुलेरा विसर्जन के पूर्व की जा सकती है.. इसमें किसी प्रकार का कोई दोष नही है..!
शंका (3) गणेश जी की स्थापना कब करें और ऋषि पंचमी कब मनाए..?
समाधान– शास्त्रों के अनुसार गणेश जी का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था.. तो 18 सितंबर को प्रातः 10:15 के बाद से चतुर्थी तिथि है तो इस दिन 10:15 के बाद से गणेश स्थापना की जा सकती है…
और साथ में अगले दिन यह तिथि सुबह 10:41 तक रहेगी तो उदया तिथि के अनुसार 19 सितंबर को भी दिनभर गणेश स्थापना की जा सकती है..!
अब ऋषि पंचमी के लिए शास्त्रों में मध्याह्न काल व्यापनी पंचमी तिथि बताया गया है तो 19 सितंबर को ऋषि पंचमी व्रत करना चाहिए…!
शंका (4) जो महिला हरतलिका तीज, गणेश चतुर्थी और ऋषि पंचमी का व्रत करती है तो उसका पारणा कैसे हो..?
समाधान–जो महिलाएं हरितालिका तीज और गणेश चतुर्थी का व्रत करती है तो वह अगले दिन पारणा करें। और जिसका ऋषि पंचमी भी व्रत होता है तो वह तीज और चतुर्थी के व्रत का पारणा पंचमी को सुबह फलाहारी व्यंजन या फिर फल खा के तीज और चतुर्थी व्रत का पारणा करें।
शुभ मुहूर्त–
हरतलिका तीज में गौर का पूजन का शुभ समय सुबह 06 बजे 07:30 तक और 09बजे से 10:30 तक।
गणेश स्थापना में 10:15 के बाद से दोनों ही दिन शुभ है क्योंकि जिनके शुभ और लाभ दोनों पुत्र है ऐसे विघ्नहर्ता के पूजन में कौन विघ्न डाल सकता है।
ऋषि पंचमी पूजन मुहुर्त 19 सितंबर को 12 बजे से 01:30 बजे तक।
(ज्योतिषाचार्य पं.सौरभ त्रिपाठी, शिक्षक कालोनी, छिंदवाड़ा)