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CG Politics: पीएम मोदी के दौरे से पहले कांग्रेस ने पूछा सवाल, छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति इतनी दुर्भावना क्यों

HIGHLIGHTS

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रायगढ़ आगमन पर कांग्रेस ने पूछा सवाल
  2. दीपक बैज ने पूछा, छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति इतनी दुर्भावना क्यों
  3. छत्तीसगढ़ से चावल लेने का कोटा घटाए जाने को लेकर पूछा सवाल

रायपुर (राज्य ब्यूरो)। Chhattisgarh Politics: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रायगढ़ आगमन पर कांग्रेस ने उनसे सवाल पूछा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पूछा कि छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति वे इतनी दुर्भावना क्यों रखते हैं? उनकी सरकार लगातार छत्तीसगढ़ के किसानों के खिलाफ निर्णय क्यों लेती है?

छत्तीसगढ़ से चावल लेने का कोटा क्यों घटाया? बैज ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य से 86.50 लाख टन चावल खरीदने के लिए अनुबंध किया था, उसे घटाकर 61 लाख टन किस कारण से किया गया, जबकि केंद्र के पास अपनी वेलफेयर स्कीम में बांटने के लिए चावल का स्टाक नहीं है। कर्नाटक ने अन्ना भाग्य योजना के लिए केंद्र से 35 लाख टन चावल मांगा, तो केंद्र सरकार ने स्टाक नहीं होने के कारण देने से मना कर दिया।

बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस वर्ष 125 लाख टन धान किसानों से खरीदेगी। इस वर्ष राज्य सरकार को अधिक बारदानों की आवश्यकता पड़ेगी। राज्य ने 3.56 लाख गठान बारदाना खरीदने के लिए केंद्रीय जूट कमिश्नर को मांग पत्र भेजा है। केंद्र सरकार ने उसमें कटौती कर मात्र 2.45 लाख गठान देने की मंजूरी क्यों दिया? प्रदेश में धान खरीदी में बायोमेट्रिक सिस्टम अनिवार्य क्यों किया गया है?

छत्तीसगढ़ में 48 प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र राज्य के अनेकों हिस्सों में इंटरनेट सुविधा नहीं है। ऐसे में बायोमेट्रिक सिस्टम से धान खरीदी में अनावश्यक बाधा उत्पन्न होगी। बैज ने कहा कि मोदी सरकार ने पहले कनकी का निर्यात रोका, चावल निर्यात पर 10 प्रतिशत सेंट्रल एक्साइज लगाए, फिर 20 जुलाई 2023 से गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी। इससे देशभर के किसान खुले बाजार में धान की कीमत गिरकर 1000 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचने मजबूर हुए।

रमन राज के घोटालों की जांच ईडी क्यों नहीं करती?

बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री और इन्फोर्समेंट डायरेक्टर को पत्र लिखकर नान और चिटफंड घोटाले की जांच कराने का अनुरोध किया था। ईडी, आइटी नान घोटाले, चिटफंड घोटाले, पनामा पेपर के ‘अभिषाक सिंह’ की जांच क्यों नहीं करती है? नान गरीबों के राशन में 36,000 करोड़ का डाका डाला गया है। जब इतनी बड़ी रकम का लेनदेन हुआ है, नान डायरी में सीएम सर, सीएम मैडम, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम जैसे दर्जनों नामों का उल्लेख है। ऐसे में इस अवैध लेनदेन की जांच ईडी क्यों नहीं करती है? भाजपा के चिटफंड घोटालों की जांच क्यों नहीं करवाते?

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