Gyanvapi Case Update: ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मामले में प्रार्थना पत्र पर आपित्त, 13 सितंबर को होगी सुनवाई
HIGHLIGHTS
- मस्जिद पक्ष ने कहा- एएसआइ अभी जांच कर रहा है।
- वहां कोई कलाकृति और मूर्ति के मिलने की रिपोर्ट नहीं आई।
- प्रार्थना पत्र में मनगढ़ंत तथ्य दिए हैं।
Gyanvapi Case Update: वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में मंदिर पक्ष की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र को लेकर मस्जिद पक्ष ने अदालत में आपत्ति दाखिल की है। अब इस मामले में जिला न्यायालय में जस्टिस डा. अजय कृष्ण विश्वेश 13 सितंबर को सुनवाई करेंगे।
एएसआइ टीम कर रही सर्वे
ज्ञानवापी-शृंगार गौरी में मस्जिद पक्ष की ओर से दाखिल की गई आपत्ति में कहा गया है कि मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक और सीता साहू के द्वारा बेबुनियाद तथ्यों को लेकर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया। अभी इस मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की एक टीम यहां सर्वे का काम कर रही है। टीम ने अभी ज्ञानवापी में ना तो कोई साक्ष्य मिलने का दावा किया और ना ही अदालत में इसको लेकर कोई रिपोर्ट पेश की है।
नहीं बनता संरक्षण का मामला
आपत्ति में कहा गया है कि वादी पक्ष ने प्रार्थना पत्र में मनगढ़ंत तथ्य दिए हैं। इसलिए इसे खारिज करने की मांग रखी। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि इस मामले में पिछले वर्ष एडवोकेट कमिश्नर द्वारा की गई कार्यवाही में कोई भी कलाकृति और मूर्ति नहीं मिली हैं। इस वजह से उनके संरक्षण का मामला ही नहीं बनता।
साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए लगाया प्रार्थना पत्र
गौरतलब है कि ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मामले में राखी सिंह ने कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र पेश कर वहां मिले साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए आदेश जारी करने की मांग की है। इस मामले में पिछली बार हुई सुनवाई में बहस पूरी हो गई थी।