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Vastu Tips: ,घर में होगा देवी लक्ष्मी का आगमन, तुलसी को चढ़ाएं कच्चा दूध, जानें क्या कहते हैं वास्तु एक्सपर्ट

Vastu Tips पौराणिक मान्यता के मुताबिक, रविवार और एकादशी व्रत के दिन तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. तुलसी के पौधे से सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है।
  2. वास्तु शास्त्र में भी तुलसी के पौधे के महत्व को बताया गया है।
  3. हिंदू धर्म में जहां तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना गया है।

Vastu Tips। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी के पौधे में देवी लक्ष्मी का होता है। साथ ही तुलसी के पौधे से सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है। वास्तु शास्त्र में भी तुलसी के पौधे के महत्व को बताया गया है और इसे घर में रखना उत्तम माना गया है। वास्तु एक्सपर्ट चैतन्य मलतारे के मुताबिक, हिंदू धर्म में जहां तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना गया है। तुलसी के बगैर कभी भी भगवान विष्णु का प्रसाद तैयार नहीं होता है। ऐसे में यदि आप भी घर में तुलसी लगा रहे हैं तो इन बातों की सावधानी रखना चाहिए, जिससे घर में देवी लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी।

वास्तुशास्त्र के अनुसार, गुरुवार को तुलसी के पौधे में एक छोटी नली बांधने का भी उपाय कर सकते हैं। ऐसा करने से भी देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। वास्तु मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।

तुलसी को चढ़ाएं कच्चा दूध

वास्तु एक्सपर्ट चैतन्य मलतारे के मुताबिक, शुक्रवार को तुलसी के पौधे में थोड़ा कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भी देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है, उन्हें विशेष रूप से तुलसी को कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में ऐश्वर्य, वैभव, धन की वृद्धि होती है।

रविवार व एकादशी को न चढ़ाएं जल

पौराणिक मान्यता के मुताबिक, रविवार और एकादशी व्रत के दिन तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा शेष दिन रोज सुबह तुलसी को जल जरूर चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा शाम के समय रोज तुलसी के पास दीपक जलाकर संध्या वंदन करने से भी देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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