Export Duty on Onions: प्याज पर लगे निर्यात शुल्क से गुस्से में रतलाम के किसान, मंडी में करेंगे तालाबंदी"/>

Export Duty on Onions: प्याज पर लगे निर्यात शुल्क से गुस्से में रतलाम के किसान, मंडी में करेंगे तालाबंदी

HighLights

  • रतलाम में किसान मजदूर संगठन के बैनर तले होगा आंदोलन।
  • सरकार को निर्यात शुल्क लगाने का फैसला वापस लेना चाहिए।
  • विदेशों में हमारे प्याज की खरीदी कम हो जाएगी तो दाम घटेंगे।

 

Export Duty on Onions: रतलाम । केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के विरोद का किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। सरकार के इस फैसले से किसानों में गुस्सा है तथा उन्होंने आंदोलन करने का एलान कर दिया है। 21 अगस्त को मंड़‍ियो में तालाबंदी की जाएगी तथा 22 अगस्त से लहसुन-प्याज मंड़ी में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। किसानों का कहना है कि निर्यात शुल्क लगाने से दामों में कमी आएंगी तथा किसानों को नुकसान होगा। सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए।

 

फैसले के खिलाफ आंदोलन

पावर हाउस रोड स्थित लहसुन-प्याज नीलाम मंड़ी में सोमवार को किसान नेता डीपी धाकड़, राजेश पुरोहित, समरथ पाटीदार आदि की उपस्थित में बैठक हुई। बैठक में सरकार के फैसले के खिलाफ आंदोलन करने की रणनीति बनाकर आंदोलन किसान-मजदूर संगठन के बैनर तले करने का निर्णय लिया गया। आंदोलन चलाने के लिए किसान नेता राजेश पुरोहित की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है।

 

मुश्किल से अच्छा दाम मिलना शुरू हुआ था

समिति में समरथ पाटीदार, परमानंद चौधरी, सोहनलाल पाटीदार, दातारसिंह राठौर, अरविंद पाटीदार, मुकेश गुर्जर, संजय पाटीदार आदि को शामिल किया गया है। बैठक के दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई। किसाने नेता राजेश पुरोहित व समरथ पाटीदार ने बताया कि बहुत मुश्किल से दो साल बाद किसानों को प्याज का थोड़ा दाम मिलना शुरू हुआ था, लेकिन सरकार ने चालीस फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाकर किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इससे प्याज के दामों में कमी आएंगी। आज नागपंचमी का अवकाश है। मंगलवार से जब मंड़‍ियां खुलेंगी तो 9 से 10 रुपये किलो दाम कम हो जाएंगे। सरकार को निर्यात शुल्क लगाने का फैसला वापस लेना चाहिए।

 

प्रदेशभर में होगा आंदोलन

किसान नेता डीपी धाकड़ ने बताया कि आंदोलन की रूपरेखा बना ली गई है। इसके तहत पहले दिन मंगलवार को मंड़‍ियों में तालाबंदी की जाएगी। 23 अगस्त को महू रोड स्थित अनाज मंड़ी से रैली निकाली जाएगी, जो लहसुन-प्याज नीलाम मंड़ी पहुंचेगी, जहां अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। जब तक सरकार फैसला वापस नहीं लेंगी आंदोलन जारी रहेगा। दो वर्ष से किसानों को लागत मूल्य नहीं मिल रहा था। कभी प्याज तीन-चार तो कभी आठ-दस रुपये किलो बिका। 15 दिन पहले से दाम में थोड़ी वृद्धि हुई तो सरकार ने निर्यात शुल्क लगा दिया। इससे विदेशों में हमारे प्याज की खरीदी कम हो जाएगी तो दाम घटेंगे। सरकार को किसानों के हितों की कोई परवाह नहीं है।

 

किसानों के साथ व्यापारियों को भी होगा नुकसान

व्यापारियों का कहना है निर्यात शुल्क से किसानों के साथ व्यापारियों को भी नुकसान होगा। अन्य देशों को निर्यात शुल्क लगने से प्याज महंगा मिलेगा तो निर्यात कम करेंगे। रतलाम से बड़ी मात्रा में प्याज बांग्लादेश जाता है। एक व्यापारी ने बताया कि पिछले चार दिन में करीब पचास ट्रक प्याज बांग्लादेश के लिए भेजा गया, जो बार्डर पर पहुंच गया है, या रास्ते में है।

वहां व्यापारी दाम कम देंगे तो यहां के व्यापारियों को कम कमिशन मिलेगा। बांग्लादेश प्याज भेजने में 15 से 20 रुपये किलो खर्च आता है तथा चालीस प्रतिशत निर्यात शुल्क भी लगने से दाम बहुत महंगे हो जाएगे। ऐसे में यदि बांग्लादेश में यदि मांग घटी तो व्यापारियों को भी नुकसान होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button