Mahakal Lok Ujjain: महाकाल महालोक में सप्त ऋषियों की नई मूर्तियां की गईं पुनर्स्थापित
Mahakal Lok Ujjain: उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र श्री महाकाल महालोक में सप्त ऋषियों की नई मूर्तियां पुनर्स्थापित कर दी गई हैं। फिलहाल इन्हें कपड़े से ढंका गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इनका जल्द ही अनावरण कराए जाने की संभावना है।
जनभावनों को ध्यान में रख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर नई मूर्तियों की पुनर्स्थापना के आदेश हुए। मूर्तियां गारंटी अवधि में होने से स्मार्ट सिटी कंपनी से अनुबंधित ठेकेदार एमपी बाबरिया ने नई मूर्तियों का निर्माण मुंबई में कराया और सोमवार रात पुनर्स्थापित करवा दिया।
दावा है कि इस बार बनाई मूर्तियां पहले से अधिक मजबूत हैं। इनकी स्थापना के लिए फाउंडेशन वर्क भी किया है। अब जल्द ही मुख्यमंत्री के हाथों इनका अनावरण कराने का दावा है।
श्री महाकाल महालोक योजना : दूसरे चरण के सभी कार्यों का लोकार्पण सितंबर में मुश्किल
ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र में आकार ले रही ‘श्री महाकाल महालोक योजना- 2’ के समस्त कार्यों का लोकार्पण इसी वर्ष सितंबर माह में होने की बात पिछले माह कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कही थी।
योजना के कार्य योजना स्थल का निरीक्षण कर उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के इंजीनियर और ठेकेदार फर्मों को 31 अगस्त 2023 से पहले सारे प्रचलित कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए थे। कहा था कि तय समय में काम न करने पर ठेकेदार से भारी पेनल्टी वसूली जाएगी। विधिसम्मत सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। यथा स्थिति ये है कि काम अंतिम चरण में है, फिर भी सितंबर में लोकर्पण होना मुश्किल लगता है। क्योंकि फिनिशिंग स्तर का काम काफी शेष है।
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मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार सिंहस्थ- 2028 को ध्यान में रख ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर परिसर को आठ गुना बड़ा और भव्य बना रही है। इसके लिए 1174 करोड़ रुपये की ‘श्री महाकाल महालोक योजना’ स्वीकृत कर चुका है। पहले चरण में बड़ा रूद्रसागर किनारे विशाल मूर्तियों के रूप में 395 करोड़ रुपये की योजना आकार ले चुकी है, जिसका लोकार्पण गत वर्ष 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
दूसरे चरण में 779 करोड़ रुपये के स्वीकृत 22 कार्यों में से 19 कार्य वर्तमान में प्रचलित हैं। इन कार्यों में शिखर दर्शन योजना, इमरजेंसी इंट्री-एक्जिट परियोजना, बेसमेंट पार्किंग परियोजना, महाराजवाड़ा भवन उन्नयन परियोजना, छोटा रूद्रसागर पर पैदल ब्रिज निर्माण, नीलकंठ वन मार्ग निर्माण कार्य प्रमुख हैं।