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रायपुर : विश्व जैव ईंधन दिवस: भविष्य के लिए जैव ईंधन की उपयोगिता पर सेमीनार आयोजित

छत्तीसगढ़ में एथेनॉल उत्पादन की संभावनाएं और बायोगैस से बिजली उत्पादन पर हुई चर्चा

छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण द्वारा भविष्य के लिए ईंधन की उपलब्धता पर विचार-मंथन

छत्तीसगढ़ में एथेनॉल उत्पादन की संभावनाएं और बायोगैस से बिजली उत्पादन पर हुई चर्चा

छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) द्वारा 10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर ’’बायोफ्यूल्स – फ्यूल्स ऑफ सस्टेनेबल फ्यूचर’’ विषय पर एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। इसमें भविष्य के लिए जैव ईंधन की उपयोगिता, उपलब्धता और संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। सेमीनार का आयोजन दुर्ग जिले के ग्राम गोढ़ी स्थित अनुसंधान एवं विकास कार्य हेतु स्थापित नवीन बायो-एथेनॉल प्रदर्शनी संयंत्र परिसर में किया गया। इस अवसर मुख्य अतिथि के रूप में ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद उपस्थित थे।
श्री अंकित आनंद ने बायो-एथेनॉल उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले एन्जाईम्स, यीस्ट के उत्पादन हेतु प्रयास करने तथा बायो-एथेनॉल संयंत्र में किये जाने वाले अनुसंधान कार्यो को पेटेंन्ट करने के सुझाव दिये। उन्होंने बायो-एथेनॉल संयंत्र परिसर के रखरखाव, वातावरण एवं तकनीकी पहलुओं पर आईआईटी भिलाई के प्रोफेसर्स, वैज्ञानिक, औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक सहित इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की। इस अवसर पर उन्होंने संयंत्र परिसर में करंज पौधे का रोपण भी किया।
सेमीनार में छत्तीसगढ़ में एथेनॉल उत्पादन की संभावनाएं, सतत योजना का क्रियान्वयन, जेट जैव-ईंधन उत्पादन की संभावनाएं, बायोडीजल हेतु कच्चे माल की उपलब्धता एवं दर, बायोगैस से बिजली उत्पादन एवं उत्पादित बिजली का सफलतापूर्वक ग्रिड में समायोजन एवं कठिनाईयॉ आदि पर विस्तृत चर्चा की गई।

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