जीएसटी में ईडी के हस्तक्षेप हटाने की मांग, सराफा कारोबारियों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

रायपुर: जीएसटी में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हस्तक्षेप के प्रावधान को हटाया जाना चाहिए। जीएसटी में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय के हस्तक्षेप से सामान्य व्यापारियों में भय का माहौल है, यह एक तरह से व्यापार पर इंस्पेक्टर राज की वापसी जैसी स्थिति है। ऐसे में जीएसटी में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय के हस्तक्षेप के प्रावधान पर पुनर्विचार की मांग की है। सराफा एसोसिएशन रायपुर के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इसकी मांग की है।

सराफा एसोसिएशन रायपुर के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू ने पत्र में कहा कि इस प्रावधान को हटाकर व्यापारियों को राहत दी जाए। मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में शासकीय प्रावधानों में संशोधन करते हुए जीएसटी में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय का हस्तक्षेप का प्रावधान किया गया है। वर्तमान कर प्रणाली में विभिन्न प्रकार की विसंगतियां होने के कारण सामान्य व्यापारी वर्ग काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। जीएसटी में अनेकों बार संशोधन भी किया गया है। धीरे-धीरे जीएसटी के बारे में व्यापारी ज्ञान प्राप्त कर उसके अनुसार व्यवसाय कर रहे हैं।

मालू ने पत्र में कहा है कि अब जीएसटी में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय के हस्तक्षेप से सामान्य व्यापारियों में भय का माहौल है, एक तरह से व्यापार पर इंस्पेक्टर राज की वापसी होगी, जिससे सरकार के प्रति व्यापारियों के मन अच्छा संदेश नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापारी अपने व्यवसाय के अनुसार पूर्ण रूप से सरकार को समर्थन एवं कर की अदायगी करते हैं किंतु नए नियमों की विसंगतियों से व्यापारी को जूझना पड़ता है।

बता दें, सरकार जीएसटी चोरी करने पर लगातार सख्त कदम उठा रही है। इसके लिए जरूरत पड़ने पर नियमों में भी बदलाव किया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों में बदलाव किया गया है। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय यानी ED जीएसटी नेटवर्क से साथ जानकारी साझा कर सकेगा। इससे मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए जीएसटी चोरी करने वालों से टैक्स की रिकवरी करने में मदद मिलेगी। जीएसटीएन को पीएमएलए एक्ट के तहत लाने से बड़ी टैक्स चोरी करने वालों पर नकेल कस सकेगी और अधिक लोग टैक्स चुकाएंगे। साथ ही जीएसटीएन ऐसे लोगों की टैक्स चोरी की सूचना आसानी से ईडी को दे पाएगा और टैक्स रिकवरी में भी तेजी आएगी।

 

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