Malmas Amavasya: 15 अगस्त को है मलमास अमावस्या, पितृ दोष दूर करना है तो करें ये उपाय"/>

Malmas Amavasya: 15 अगस्त को है मलमास अमावस्या, पितृ दोष दूर करना है तो करें ये उपाय

HighLights

  • मलमास अमावस्या के दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करना चाहिए।
  • मलमास अमावस्या 15 अगस्त 2023 को है।
  • इस दिन कुछ धार्मिक उपायों को आजमाने से पितृ दोष दूर किया जा सकता है।
Malmas Amavasya 2023। हिंदू धर्म में नवग्रहों की पूजा का विशेष महत्व दिया गया है। यदि किसी जातक की कुंडली में कोई दोष होता है तो दोष के हिसाब से ग्रह शांति की जाती है। किसी भी जातक की कुंडली में कालसर्प योग और पितृ दोष का शुभ नहीं माना जाता है। यदि आपकी कुंडली में भी पितृ दोष है तो मलमास अमावस्या पर विशेष उपाय करके इस दोष को दूर किया जा सकता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, मलमास अमावस्या 15 अगस्त 2023 को है और इस दिन इन उपायों को आजमाने से पितृ दोष दूर किया जा सकता है।

भगवान भोलेनाथ की करें आराधना

मलमास अमावस्या के दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से जातक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इन दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और तर्पण का विशेष महत्व है। यदि कोई जातक मलमास की अमावस्या पर स्नान, दान और तर्पण करता है तो सुख समृद्धि मिलती है और पूर्वजों का भी आशीर्वाद मिलता है। अमावस्या पर पीपल के पेड़ की उपासना करना शुभ होता है।

भगवान भोलेनाथ को अर्पित करें ये चीजें

पौराणिक मान्यता के मुताबिक, भगवान शिव पितृ प्रधान हैं और जो व्यक्ति इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करता है तो पितृ दोष का प्रभाव कम होने लगता है। मलमास अमावस्या पर महादेव का जलाभिषेक के दौरान बेलपत्र और शमी की पत्ती जरूर अर्पित करना चाहिए।

पितरों को मिलता है मोक्ष

मलमास अमावस्या पर भगवान शिव की आराधना करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है। इस दिन यदि शिवलिंग के ऊपर तिल चढ़ाते हैं तो पितृ शांत होते हैं। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, अमावस्या पर शिवलिंग पर तिल चढ़ाने से मनुष्य के जीवन में पितृ दोष के कारण आ रही समस्याएं दूर होती हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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