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पाठय पुस्तक निगम के पूर्व जीएम अशोक चतुर्वेदी की 14 दिन की न्यायिक रिमांड बढ़ी, 21 अगस्त को पेश करने के आदेश

HighLights

  • अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं।
  • आंध्र प्रदेश के गुंटूर के एक होटल से अशोक चतुर्वेदी देर रात गिरफ्तार किए गए थे।
  • 21 अगस्त को अशोक चतुर्वेदी को फिर से कोर्ट में पेश किया जायेगा।

 

रायपुर। Raipur News रायपुर सेंट्रल जेल में बंद पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व जीएम अशोक चतुर्वेदी की न्यायिक रिमांड की अवधि पूरा होने पर सोमवार को विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार तिवारी की कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान ईओडब्ल्यू और बचाव पक्ष के अधिवक्ता अपना तर्क प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया। अब 21 अगस्त को चतुर्वेदी को फिर से कोर्ट में पेश किया जायेगा।

गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू की टीम ने 30 जून 2023 को आंध्रप्रदेश के गुंटुर से अशोक चतुर्वेदी को गिरफ्तार करने के साथ ही आय से अधिक संपत्ति, पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का जुर्म दर्ज कर एक जुलाई को विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार तिवारी की अदालत में पेश किया था। इस दौरान पूछताछ के लिए सात दिन की रिमांड पर लिया था। इस बीच छह जुलाई को ईओडब्ल्यू ने रायपुर स्थित दफ्तर, अग्रोहा कालोनी और दुर्गकोंदल में पुश्तैनी घर, उनके रिश्तेदारों के यहां दरभा (जगदलपुर) में दबिश दी गई थी। रिमांड समाप्त होने पर सात जुलाई को कोर्ट में पेश करने के बाद पूछताछ करने तीन दिन की रिमांड पर लिया। इसके बाद 10 जुलाई को फिर से जेल भेज दिया था।

बता दें कि पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व जीएम अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं। कोर्ट में जमानत खारिज होने के बाद से फरार चल रहे थे। आंध्र प्रदेश के गुंटूर के एक होटल से अशोक चतुर्वेदी को देर रात गिरफ्तार किए गए थे। अशोक चतुर्वेदी पंचायत विभाग के अधिकारी हैं और पाठ्य पुस्तक निगम में प्रतिनियुक्ति पर थे।

 है पूरा मामला

टेंडर प्रक्रियाओं में जालसाजी कर करोड़ों रुपये की अनियमितता के मामले में एफआईआर कराई गई। होप इंटरप्राइजेज को अकेले को काम देने के लिए और लाभ पहुंचाने के लिए अशोक चतुर्वेदी और कमेटी के सभी सदस्यों ने कपटपूर्वक, जालसाजी से तैयार और झूठी निविदाओं पर फैसला लिया और होप इंटरप्राइजेज को करोड़ों रुपये का ठेका दिया गया। उन्होंने बताया कि इस टेंडर में चार आवेदक बताए गए हैं, लेकिन जांच में साबित हुआ कि होप इंटरप्राइजेज को काम देने के लिए बाकी फर्मों के नाम से झूठी निविदाएं पेश की गईं। जिनमें कागजात भी जालसाजी से बनाए गए। नकली बिजली बिल बनाए गए। बिजली बिल छाप लिए गए, निविदाकारों की ओर से दस्तखत भी नहीं किए गए। और इन फर्मों की तरफ से जो ईएमडी और बैंक ड्रॉफ्ट लगाए गए वे भी होप इंटरप्राइजेज के कर्मचारी बृजेन्द्र तिवारी के द्वारा पेश किए गए।

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