Ujjain News: छात्र ने टॉयलेट साफ करने से किया मना, तो प्रधानाध्यापिका ने की पिटाई, पीठ पर चोट के निशान

उज्जैन विद्यार्थियों की स्कूल में पिटाई पर प्रतिबंध है। उसके बाद भी यहां के एक शासकीय स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापक ने छड़ी से छात्रों को बुरी तरह मारा है। छात्रों का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने स्कूल का शौचालय साफ करने से मना कर दिया था। अभिभावकों की शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने जांच बैठाई है।

पूरा मामला 11 जुलाई का है। इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर अब वायरल हो रहा है। अब तक छात्रों का मेडिकल परीक्षण नहीं कराया है। मामला उज्जैन ग्रामीण विकासखंड के शासकीय माध्यमिक विद्यालय गोठड़ा का बताया जा रहा है। प्रभारी प्रधानाध्यापक ज्योतिबाला निगम के खिलाफ शिकायत की है कि उन्होंने छात्रों को छड़ी से पीटा है। वीडियो के साथ एक शिकायती पत्र अभिभावकों ने 13 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी को दिया।

पत्र में लिखा कि बेटा रोहन और रौनक ने घर आकर बताया कि ज्योतिबाला निगम मैडम ने टॉयलेट रूम साफ करवाया। छात्रों ने मना किया तो डंडे से पिटाई कर दी। बेटे रोहन को चोट आई है, जिसके निशान अब भी पीठ पर दिखाई देते हैं।

कानून क्या कहता है

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2000 की धारा 23 के तहत बच्चों के प्रति क्रूरता निषिद्ध है। अगर कोई शिक्षक विद्यार्थी को पीटता है, शारीरिक या मानसिक रूप से दंडित करता है तो किशोर न्याय अधिनियम के तहत उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज हो सकती है। आरोप साबित होने पर तीन माह तक की सजा हो सकती है। संस्था पर एक लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है

रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई

प्रधान अध्यापक ने छात्रों को पीटा है, ऐसी शिकायत मिली है। विभागीय जांच हो रही है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
आनंद शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी।

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