मितान योजना के लिए अब लांच होगा मोबाइल एप्लीकेशन, बढ़ेगी ये सुविधाएं

रायपुर:  मुख्यमंत्री मितान योजना में अब तक 1.30 लाख सरकारी दस्तावेजों का वितरण किया जा चुका है। इसे और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई संशोधन और फेरबदल दिए हैं, जिस तेजी से आवेदन आ रहे हैं। इसके मद्देनजर निकायों में मितानों की संख्या बढ़ाई जाएगी साथ ही जरूरत के मुताबिक काल सेंटर की स्थापना होगी।

मितान योजना को यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए अब मोबाइल एप्लीकेशन लांच किए जाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें दस्तावेजों के बन जाने की जानकारी लोगों को मोबाइल पर एसएमएस और ई-मेल के माध्यम से प्राप्त होगी। मितान योजना की मानिटरिंग अब सीधे मुख्य सचिव करेंगे, जिसमें विभिन्न् विभागों के अधिकारियों को सदस्य होंगे।

साथ ही जिला स्तरीय समिति का भी गठन किया गया है, जिसमें कलेक्टरों को हर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। राज्य स्तर पर योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) को नोडल एजेंसी बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि 14 नगर निगमों के बाद मितान योजना सभी नगरीय निकायों में लागू कर दी गई है।

राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल

नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री मितान योजना राज्य सरकार की प्राथमिकता सूची में हैं। विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक जिला कलेक्टरों द्वारा समय-सीमा (टीएल) की बैठक में इसे अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। मितान योजना को और सरल बनाने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन और वेब पोर्टल का कार्य भी एक महीने के भीतर पूरा किया जाना है।

बन रहे हैं 25 तरह के मुख्य दस्तावेज

मितान योजना में 14545 पर काल करके 25 प्रकार के सरकारी दस्तावेजों के लिए आवेदन किया जा सकता है, जिसमें जन्म प्रमाण-पत्र, मृत्यु प्रमाण-पत्र, विवाह प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड, गुमाश्ता लाइसेंस, श्रम पंजीयन कार्ड आदि शामिल हैं। दस्तावेजों के लिए 50 रुपये का शुल्क रखा गया है।

मितान योजना में इन सुविधाओं का होगा इजाफा

1. काल सेंटर की स्थापना।

2. मितान योजना का पोर्टल, मोबाइल एप तैयार करना।

3. संबंधित विभागों के पोर्टल को मितान योजना के पोर्टल के साथ इंटीग्रेशन किया जाना।

4. संबंधित विभागों द्वारा प्राप्त आवेदनों के दस्तावेजों का सत्यापन और प्रमाण-पत्र तैयार किया जाना।

5. प्रमाण-पत्र तैयार होने के बाद ई-मेल और एसएमएस से सूचना प्रदान करना।

6. नागरिक मोबाइल एप पर विभिन्न् प्रकार की विभागीय सुविधा प्राप्त करना।

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