बिहार पुलिस भर्ती में इन अभ्यर्थियों को मिलेगी लंबाई में छूट, नीतीश सरकार ने किया ऐलान
पटना. बिहार पुलिस भर्ती में अत्यंत पिछड़ी जाति (ईबीसी) और अनुसूचित जाति और जनजाति (एससी-एसटी) कोटि की महिला अभ्यर्थियों की न्यूनतम ऊंचाई सीमा में छूट मिलेगी। सोमवार को विधानसभा में एक सवाल के जवाब में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बहाली में ईबीसी और एससी-एसटी कोटि की महिला अभ्यर्थियों की न्यूनतम ऊंचाई सीमा को कम करने की कार्रवाई तत्काल की जाएगी। गौरतलब है कि बिहार पुलिस बहाली में अभी सभी कोटि की महिलाओं की न्यूनतम ऊंचाई 155 सेंटीमीटर है। ईबीसी, एससी-एसटी कोटि की महिला अभ्यर्थियों की न्यूनतम ऊंचाई सीमा को कम करने का मामला बथनाहा विधायक अनिल कुमार ने उठाया था।
जवाब में प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि पुलिस बहाली में मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा में सामान्य वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग के पुरुषों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 165 सेंटीमीटर तो ईबीसी, एससी-एसटी के पुरुषों के लिए सामान्य से पांच सेंटीमीटर कम 160 सेंटीमीटर है। वहीं, सभी वर्गों की महिला अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 155 सेंटीमीटर है। ईबीसी, एससी-एसटी कोटि की महिला अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम ऊंचाई सीमा को कम करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। इस पर पूरक प्रश्न करते हुए भाजपा के नंद किशोर यादव ने कहा कि सदन में इसलिए तो सवाल पूछे जाते हैं। सवाल पूछने का मकसद ही होता है कि सरकार अपने प्रावधानों में सुधारे। जब ईबीसी, एससी-एसटी कोटि के पुरुषों को पांच सेंटीमीटर कम न्यूनतम ऊंचाई की सुविधा दी जा रही है तो इस कोटि की महिला अभ्यर्थियों को पांच सेमी की छूट क्यों नहीं दी जा सकती है। इसी पर हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करेगी।
खिलाड़ियों को नौकरी देने की आवश्यक कार्रवाई की जा रही
भाजपा के ही नीतीश मिश्रा के सवाल पर हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लोग यह भूल रहे हैं कि जब मैं केंद्र में अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री था तो उसी समय खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की पहल करवाई। उसी तर्ज पर बिहार में खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया। वहीं, इस सवाल के जवाब में प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि वर्ष 2014 की नियमावली के आधार पर खिलाड़ियों की बहाली की जा रही है। वर्ष 2020 में जिलों से रिक्तियां मांगी गई थी। निकट भविष्य में बहाली के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।