कच्चा माल महंगा होने से कंपनियों पर कीमत बढ़ाने का दबाव, 10% तक बढेंगी कीमतें
अच्छी क्वालिटी वाली बैटरी, पार्ट्स और टेक्नोलॉजी पर ज्यादा खर्च करना होगा इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के मुताबिक, टू-व्हीलर कंपनियों की लागत बढ़ने से दाम बढ़ाने का दबाव है। बीते दिनों कई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में आग लगने की घटनाओं के बाद सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। ऐसे में कंपनियों को अच्छी क्वालिटी वाली बैटरी, पार्ट्स और टेक्नोलॉजी पर ज्यादा खर्च करना होगा। इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद के हालात और चीन में कोरोना की नई लहर के चलते बैटरी सेल और अन्य कंपोनेंट का आयात महंगा हो गया है।
इंश्योरेंस कंपनियां इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ाएंगी
वहीं आग लगने की घटनाओं के बाद क्लेम बढ़ने की आशंका को देखते हुए कुछ इंश्योरेंस कंपनियों ने इलेक्ट्रिक दोपहिया का इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ाने पर विचार शुरू कर दिया है। ईवी कंपनी टेनग्री के फाउंडर अर्पण अरोरा कहते हैं, ई-स्कूटरों को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी उपायों से कीमतों में 10% तक बढ़ोतरी हो सकती है।
इन वजहों से महंगे होंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल
- संभव है कि अब ईवी में लिथियम आयन के बजाय फेरो फास्फेट बैटरियों का इस्तेमाल हो। इसका सीधा असर लागत पर पड़ेगा।
- आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) और आई कैट अप्रूवल अनिवार्य होने से लागत बढ़ेगी।
- इंडस्ट्री बहुत हद तक चीन पर निर्भर है। चीन में लॉकडाउन से पुर्जों की किल्लत है।
सरकार की सख्ती के बाद क्वालिटी पर फोकस बढ़ाना जरूरी हो जाएगा। अच्छी गुणवत्ता वाले पार्ट्स और बैटरी इस्तेमाल करने के अलावा सेफ्टी नियमों के पालन से भी लागत बढ़ेगी। ऐसे में ई-दोपहिसया महंगे हो सकते हैं।