सोने की ऊँची छलांग, इस साल पहली बार कीमत 56 हजारी

रायपुर(realtimes) साेने ने जाते हुए साल में ऊंची छलांग लगाते हुए साल में पहली बार 56 हजार का अंक छूने का काम किया है। दीपावली के समय तो सोने का भाव 50 हजारी रहा, लेकिन नवंबर में शादियों के सीजन का आगाज होने से पहले ही सोना जहां 53 हजारी हो गया था, वहीं अब एक बार फिर से जनवरी से शादियों का आगाज होने से पहले सोना खरीदने वालों को जोर का झटका लगा है जो सोना इस माह के प्रारंभ में 53 हजार था, वह सोना अब 56 हजार तक पहुंच गया है। सराफा कारोबारियों की मानें तो अभी इसकी कीमत में और इजाफा होगा।सोने की कीमत इस साल ज्यादातर समय 50 से 55 हजार के बीच ही रही है। इस साल सोने की कीमत 55 के पार गई ही नहीं थी। लेकिन साल के अंत में यह रिकॉर्ड टूट गया है। पिछले साल इसकी कीमत ज्यादातर समय 50 हजारी रही है। सराफा बाजार में यूं तो हर माह खरीदारी होती है, लेकिन धनतेरस, पुष्य नक्षत्र और शादियों के सीजन में ज्यादा खरीदारी होती है। अक्षय तृतीया के बाद देवउठनी एकादशी के बाद शादियों का सीजन लगने पर सराफा बाजार गुलजार रहता है। इस बार भी सराफा बाजार इस समय शादियों के सीजन को लेकर गुलजार है तो इसकी कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है। अभी तो एक माह के लिए खरमास लगा है, लेकिन जनवरी में होने वाली शादियों को लेकर खरीदारी हो रही है।
पांच हजार बढ़ी कीमत
लोगों ने धनतेरस और पुष्य नक्षत्र में शादियों के लिए भी जमकर खरीदारी की है। जिन लोगों ने उस समय खरीदारी कर ली, उनको बचत हो गई है, लेकिन जो लोग खरीदारी नहीं कर पाए हैं उसको अब एक तोले पर पांच हजार तक की चपत लग रही है। सोना एक माह पहले तक 50 हजार पांच सौ रुपए के आस-पास था जो अब बढ़कर 56 हजार के करीब हो गया है। नवंबर में जहां दो बार कीमत कुछ कम हुई है, वहीं दो बार कीमत स्थिर रही है। इसके बाद दिसंबर के प्रारंभ से कीमत में इजाफा होना प्रारंभ हुआ है। इस समय कीमत 55880 रुपए है।
ब्याज घटने का असर

सराफा कारोबारी हरख मालू के मुताबिक अमेरिका के मुख्य फेडरर बैंक ने सौ रुपए पर ब्याज दर को 75 पैसे से घटाकर 50 पैसे कर दिया। इसका असर यह हुआ कि कारोबारियों ने सोने की जमकर खरीदारी कर ली और सोने की कीमत बढ़ती चली गई। आमतौर पर सोने की कीमत का ज्यादातर संचालन अमेरिका से ही होता है।
जनवरी से दिसंबर तक कीमत
जनवरी में 49 से 50 हजार
फरवरी में 49 से 52 हजार
मार्च में 51 से 54 हजार
अप्रैल में 52 से 53 हजार
मई में 51 से 54 हजार
जून में 51 से 53 हजार
जुलाई में 51 से 53 हजार
अगस्त में 51 से 52 हजार
सितंबर में 49 से 50 हजार
अक्टूबर में 50 से 51 हजार
नवंबर में 50 से 53 हजार
दिसंबर में 53 से 56 हजार

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