BJP में क्यों सुनाई देते हैं दो ही नाम? समझें पार्टी में जोड़ी का काम…
नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश में मतदान का दौर खत्म हो गया है। वहीं, गुजरात में करीब 15 दिन पहले भी मतदाताओं का लुभाने की कोशिशें जारी हैं। दोनों ही राज्यों में फिलहाल भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इसे बरकरार रखने के लिए पार्टी लगातार कोशिशों में जुटी हुई है। इसका सबूत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भी राज्यों में जमकर सक्रिय होना है।
पार्टी के दोनों ही दिग्गज लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। अब सवाल है कि विश्व की सबसे पार्टी कही जाने वाली भाजपा में प्रमुख तौर पर दो ही चेहरे क्यों नजर आते हैं। जवाब तलाशते हैं।
प्रचार
कहा जा रहा है कि एक ओर जहां भाजपा के मुख्यमंत्री सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं। वहीं, पार्टी को प्रचार के अंतिम दौर पर भरोसा है, जहां पीएम मोदी एंट्री लेंगे और लोगों को भरोसा देंगे। जब बात प्रचार, वोटर्स से जुड़ाव की आती है, तो पीएम मोदी से ज्यादा डिमांड में कोई और नाम नजर नहीं आता।
असंतुष्टों को शांत
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा को बगावत का जमकर सामना करना पड़ा। खबरें आई कि पीएम मोदी खुद ही एक नाराज नेता को फोन कर समझा रहे हैं। हालांकि, इस कॉल की पुष्टि नहीं हो सकी। इधर, पार्टी की तरफ से भी इसपर कुछ नहीं कहा या। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, भाजपा के एक शीर्ष नेता का कहना था, ‘यह दिखआता है कि मोदी अपने नेताओं से सीधे संपर्क में हैं।’
शाह की दिशा
संगठन में शाह बड़ी भूमिका निभाते हैं। हालांकि, प्रदेश भाजपा के मामलों से अलग वह केंद्र में ज्यादा व्यस्त रहते हैं। उदाहरण के लिए गुजरात में बीते साल हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे थे, लेकिन शाह गायब थे। उस दौरान प्रदेश का मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को बनाया गया था। इससे पहले गुजरात के सीएम के तौर पर विजय रूपाणी काम कर रहे थे। जबकि, पार्टी के मामलों में खास सक्रिय बीएल संतोष रहते हैं।
हालांकि, शाह चुनावों के दौरान पार्टी को तैयार करने और दिशा देने में अहम भूमिका निभाते नजर आते हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान जब आम आदमी पार्टी अपने विस्तार की ओर देख रही है, तो शाह भी सत्ता बनाए रखने की कोशिश में हैं। वह बूथ से जिला और प्रदेश स्तर तक के नेताओं से मुलाकात से लेकर चुनाव प्रचार की रणनीति और मैराथन बैठकें भी कर रहे हैं।
दूसरे नेताओं का क्या
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के देश के कोने-कोने तक ले जाने के लिए कड़ी मेहनत के बाद भी प्रदेश इकाइयों में नेता अपना कद बढ़ाने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। हर महीने भाजपा के पदाधिकारियों, केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से जमीन पर बने रहने के लिए टू डू लिस्ट मिलती है, जिसमें मतदाताओं तक पहुंचने और मोदी सरकार के कामों को बताने जैसी कई चीजें शामिल होती हैं।