कैंची से तब तक वार किए,जब तक मरा नहीं पति

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक फार्मासिस्ट की मौत मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। असल में उसकी मौत सामान्य मौत नहीं थी। उसकी हत्या की गई थी। फार्मासिस्ट की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसकी पत्नी ने ही की थी। पत्नी ने उस पर कैंची से तब तक वार किए, जब तक उसकी मौत नहीं हुई। पूरा मामला आपसी विवाद से जुड़ा है। यह पूरी वारदात खल्लारी थाना क्षेत्र की है। दरअसल, तमोरा आयुर्वेद अस्पताल में फार्मासिस्ट का काम करने वाले रामकुमार दीवान(55) की पत्नी की कोरोनाकाल में मौत हो गई थी। उसके बाद उसने एक दूसरी युवती भुनेश्वरी(25) से की थी। भुनेश्वरी और रामकुमार की एक 8 महीने की बच्ची भी है। बताया जा रहा है कि 25 सितंबर की रात को अचानक से रामकुमार की मौत हो गई थी। परिजनों और प़ड़ोसियों ने उसकी लाश खून से लथपथ हालत में देखी थी। भुनेश्वरी ने सबको यही बताया था कि अचानक से इनकी तबीयत खराब हुई। शरीर फटने लगा और इनकी मौत हो गई है। इतना ही नहीं रामकुमार की पत्नी ने परिजनों को फोन कर भी यही कहा था। सबसे वह चिल्ला चिल्ला कर कहती रही थी कि देखिए ने इन्हें क्या हो गया है। उधर, आयुर्वेद अस्पताल के लोगों ने इस केस में अगले ही दिन पुलिस से शिकायत कर दी। शिकायत के बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की। मगर शुरुआती जांच में पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा। शव का पोस्टमार्टम भी कराया गया। इसके अलावा भी पुलिस अपनी तरफ से जांच में लगी रही। इस बीच डॉक्टरों ने पीएम रिपोर्ट दी। जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि रामकुमार की हत्या किसी धारदार हथियार से वार करने के कारण हुई है। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था।

केस दर्ज करने के बाद भी पुलिस इस केस में कई दिनों तक जांच करती रही। लेकिन कुछ पता नहीं चला। इस पर फिर से पु्लिस ने भुनेश्वरी से पूछताछ की। तब उसने पुलिस को गुमराह करना शुरू कर दिया। वह बार-बार अपने बयान ही बदनलने लगी। जिस पर पुलिस को उस पर ही शक हुआ और कड़ाई से पूछताछ करनेपर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पूछताछ में आरोपी भुनेश्वरी ने बताया कि आए दिन हमारी बीच झगड़ा होता था। रोज-रोज के झग़ड़े से मैं परेशान थी। हमारे निजी झगड़े इतने ब़ढ़ गए थे कि मुझे बहुत खराब लगने लगा था। इस बीच 25 सितंबर की रात को भी रामकुमार ने मुझसे विवाद किया। जिसके बाद मुझे और बुरा लगा और मैं सीधे अपने कमरे में गई और कैंची लेकर आई। वहां से लौटने पर भी विवाद जारी रहा। जिस पर मैंने रामकुमार को धक्का दिया। जिससे वह खटिए पर गिर गया, तब मैंने उसके गले, चेहरे और शरीर के कई हिस्सों में तब तक कैंची से वार किए, जब तक उसकी मौत नहीं हुई। आरपी ने बताया कि मौत के बाद मुझे बुरा लगा। इसके बाद मैंने तुरंत ही कैंची को धो दिया और कमरे मे छिपा दिया। उसके बाद लाश को आंगन में खटिए में ही पड़े रहने दिया। उसी वक्त हमारे घर का नौकर उठकर आया तब मैंने पहले उसे यह तबीयत खराब होने की कहानी सुनाई। फिर परिजनों को फोन कर भी इस बारे मेंं बताया था। पुलिस ने इस केस में सोमवार को खुलासा किया है।

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