CORONA ALERT ! दिवाली पर कोरोना के मामले फिर बढ़ने की आशंका
BA.5.1.7 और BF.7 हैं नए सब-वैरिएंट्स का नाम
दिवाली पर कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने की आशंका जताई गई है। इसकी वजह हैं कोरोना वैरिएंट ओमिक्रॉन के दो नए सब-वैरिएंट्स। इनका नाम BA.5.1.7 और BF.7 है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनके चलते संक्रमण तेजी से फैल सकता है। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन (NTAGI) ने भी इन सब-वैरिएंट्स को लेकर चिंता जाहिर की है। कहा है- त्योहारों में ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है।
दोनों ही सब-वैरिएंट्स बेहद संक्रामक हैं। इन्हें सबसे पहले चीन के कई राज्यों में डिटेक्ट किया गया। इन्हीं के कारण चीन में कोरोना के मरीजों में तेजी से इजाफा हुआ है। फिलहाल अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया में भी इनके मामले सामने आ रहे हैं। ये आसानी से इम्यूनिटी को चकमा दे सकते हैं। भारत के गुजरात में BF.7 डिटेक्ट किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक चूंकि ओमिक्रॉन एक वैरिएंट ऑफ कंसर्न है, इसलिए इसकी नई स्ट्रेन्स पर भी नजर रखना जरूरी है।
देश में दिवाली के साथ ही त्योहारों का सीजन शुरू हो रहा है। ऐसे में ज्यादातर लोग फेस मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग जैसे प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगे। यह कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी है। उन्हें संक्रमण से अस्पताल में भर्ती होने से लेकर जान जाने तक का खतरा हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें और मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें।
NTAGI के चेयरमैन डॉ. एन के अरोड़ा के अनुसार, लापरवाही बरतने पर 3 से 4 हफ्ते में कोरोना संक्रमण देश में फैल सकता है। त्योहार की वजह से लोग बाजारों में भारी तादाद में इकट्ठा हो रहे हैं। साथ ही अब ठंड के मौसम की शुरुआत भी हो गई है और फ्लू भी फैल रहा है। लोग इसके लक्षणों को भी कोरोना के लक्षणों से कंफ्यूज कर सकते हैं। जितने में लोग कोरोना की जांच कराएंगे, उतने में इन्फेक्शन और फैल चुका होगा।
डेल्टा के बाद ओमिक्रॉन पूरे विश्व में कोरोना की सबसे डोमिनेंट स्ट्रेन बन गई है। भले ही इसका इन्फेक्शन रेट ज्यादा है, लेकिन इसके लक्षण काफी माइल्ड हैं। अधिकतर मामलों में तो इसके कोई लक्षण हैं ही नहीं। ओमिक्रॉन के मरीजों को जुकाम जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। इनमें हल्का बुखार, गले में खराश और खुजली, सर्दी, खांसी, हरारत, भूख न लगना, उल्टी और दस्त होने जैसी समस्याएं शामिल हैं। फिलहाल कई देशों में इसके नए वैरिएंट्स ईजाद हो रहे हैं, जो हमारे लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।