धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआज
धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआज होगी। इस बार धनतेरस दो दिन का होने जा रहा है, जिसके लिए बाजार भी तैयार हैं। धातु के सामान व बर्तन खरीदने की परंपरा के चलते बर्तन और सोने चांदी की दुकानों पर सजावट की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। 27 साल बाद धनतेरस का मान दो दिन तक रहेगा। हालांकि मूल रूप से धनतेरस 23 अक्टूबर की ही रहेगी।
सिविल लाइन स्थित विष्णुलोक संस्थान के ज्योतिषविद् एवं पंडित ललित शर्मा ने बताया कि इस वर्ष कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी 22 और 23 अक्टूबर दो दिन प्रदोष व्यापिनी है। इन दोनों दिन प्रदोषकाल लगभग शाम 5.45 से रात्रि 8.20 बजे तक रहेगा। वहीं दूसरे दिन 23 अक्टूबर 2022 को त्रयोदशी तिथि प्रदोषकाल को अपेक्षाकृत बहुत कम समय के लिए व्याप्त कर रही है। परन्तु यदि दोनों दिन त्रयोदशी प्रदोष व्यापिनी हो तो दूसरे दिन ही मान्य होगी। ऐसे में पहले दिन रात में और दूसरे दिन दिनभर खरीदारी होगी। उदया तिथि के मान के अनुरूप 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाई जाएगी।
त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर को शाम 6:02 बजे होगी और समापन 23 अक्टूबर को शाम 6:03 बजे होगा। 23 अक्टूबर को शाम 6:04 बजे से चतुर्दशी तिथि शुरू होगी और 24 अक्टूबर तक शाम 5:28 तक रहेगी। उदया तिथि अनुसार 24 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी है और हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी।
घी का दीपक जलाएं, प्रसाद निवेदित करें
23 अक्टूबर 2022 को धनतेरस मनाना श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन उदयव्यापिनी त्रयोदशी तिथि पूरे दिन व्याप्त रहेंगी, जो की प्रदोषकाल में शाम 6.03 बजे समाप्त होगी। धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्मदिवस भी होता है, इसलिए धनतेरस को ‘धन्वन्तरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वन्तरि जी को घी का दीपक और प्रसाद निवेदित करना चाहिए। इस दिन धनवंतरि की पूजा, मां लक्ष्मी और कुबेर का पूजन और सोना, चांदी, बर्तन घरेलू सामान की खरीदारी करना शुभ है। 23 अक्टूबर को प्रदोष व्रत होगा और शनि भी मार्गी हो रहे हैं, जो कई राशियों के जीवन में, धन, संपत्ति, समृद्धि लाएंगे।
निम्न मंत्र ग्यारह बार बोलना चाहिए:
‘आयुर्वेद साक्षी – करुणाश्री भगवन आगच्छ सत्वरा धन्वन्तरि त्वं सदा अल्पायु जरा-रोग
दीपावली 24 अक्टूबर को मनेगी
दीपावली का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल 2022 में कार्तिक अमावस्या की तिथि 24 अक्टूबर, सोमवार के दिन दीपावली मनाई जाएगी। यह पर्व सुख-समृद्धि और वैभव का प्रतीक है। दीपावली के पर्व पर मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। श्रीमहालक्ष्मी पूजन एवं दीपावली का महापर्व कार्तिक अमावस्या में प्रदोष काल एवं अर्द्धरात्रि व्यापिनी हो, तो विशेष रूप से शुभ होती है। लक्ष्मी पूजन, दीपदानादि के लिए प्रद्येषकाल ही विशेषतः प्रशस्त माना गया है। 24 अक्टूबर को शाम 5.27 बजे के बाद प्रदोष, निशीथ तथा महानिशीथ व्यापिनी होगी। अत: दीपावली पर्व 24 अक्टूबर की मनेगी। इसके बाद शाम को 5.27 बजे से अमावस्या तिथि प्रारम्भ हो जाएगी जो 25 अक्टूबर 2022 को शाम 4.18 बजे तक रहेगी।