बड़ा हादसा: खारून नदी के एनिकट से बहे शिक्षक सहित एक ही परिवार के तीनों लोगों

रायपुर। राजधानी से लगे धरसीवा के मुर्रा स्थित खारून नदी के एनिकट से बहे शिक्षक सहित एक ही परिवार के तीनों लोगों का देर रात तक कोई सुराग नहीं लग सका है। पिछले 22 घंटो के बाद भी अभीतक किसी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। बताया जा रहा है कि दोपहर से एसडीआरएफ के गोताखोरों की टीम ने खोजना शुरू कर दिया था लेकिन एनीकट के समीप तेज बहाव के चलते जहां घटना हुई वहां तक गोताखोरों की कश्ती पहुंचना संभव नहीं हो रहा था।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पूरी घटना हरजीत भारती के डूबने से शुरू हुई जो स्थानीय शिक्षक लखनलाल बंजारे का नाती है उसको डूबता देख वहां के ग्रामीणों ने उनके घर खबर भेजी घर से रस्सा लेकर खुद शिक्षक लखनलाल बंजारे अपने भतीजे शेखर बंजारे के साथ पहुंचे और दोनों एनीकट के ऊपर पानी के तेज बहाव से ही नदी में डूब रहे अपने नाती हरजीत को रस्सा देने लगे लेकिन रस्सा वहां किनारे पर ना तो बांध कर आए थे और ना ही अन्य ग्रामीणों को पकड़ाकर आए और इस बहाव में वह भी बहने लगे।

यह देख किनारे पर मौजूद जितेन्द्र वर्मा अपने एक साथी के साथ उन तीनों को बचाने के लिये कूदे जो तेज बहाव के कारण उन तक नही पहुंच पाये जैसे तैसे करके किसी तरह बचकर निकल आए लेकिन शिक्षक लखन उनके नाती हरजीत और भतीजे का कहीं कोई सुराग नहीं लगा। घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय विधायक पुलिस और एसडीआरएफ के गोताखोरों की टीम समेत स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और काफी देर तलाश करने के बाद भी नहीं मिल सके है।

बताया जा रहा है कि गोताखोरों की टीम तीनां की खोज कर रही थी, तभी एक बड़ी घटना भी हुई जहां गोताखोर उमाशंकर को अचानक चक्कर आ गए और रेस्क्यू टीम की कश्ती किनारे पर लगाई और गोताखोर उमाशंकर को वृक्षों की छाया में लिटाया गया। फिलहाल 10 घंटो की तलाश के बाद भी तीनों लोगों को अभी तक कोई भी सुराग नहीं मिला है। देर रात हो जाने के कारण रेस्क्यू फिलहाल रोकना पड़ा है और आज सुबह जल्दी फिर से रेस्क्यू टीम स्कूल टीचर समेत कुल तीनों डूबे हुए लोगों की तलाश में जुट गए हैं।

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