भगवान महाकाल को कार्तिकेय मंडपम्‌ से जल अर्पित करेंगे कावड़ यात्री

उज्जैन. ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण माह के दौरान देशभर से आने वाले कावड़ यात्री कार्तिकेय मंडपम् से भगवान महाकाल का जलाभिषेक करेंगे। मंदिर प्रशासन द्वारा कावड़ यात्रियों के लिए सुगम दर्शन व्यवस्था के इंतजाम किए जा रहे हैं। कावड़ियों के लिए जो योजना तैयार की है, उसके अनुसार उन्हें एक बार कतार में लगने के बाद तीन बार भगवान के दर्शन होंगे।

कलेक्टर आशीषसिंह की अध्यक्षता में हुई श्रावण माह की व्यवस्थाओं संबंधी बैठक में कलेक्टर ने कावड़ यात्रियों के लिए विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। मंदिर के अधिकारियों ने कलेक्टर को बताया कि कावड़ यात्रियों के लिए कार्तिकेय मंडपम् में जल पात्र लगाए जाएंगे। यात्री पात्र के माध्यम से भगवान को जल अर्पण कर सुविधा से दर्शन कर सकेंगे। दूरदराज से आने वाले

कावड़ियों को प्रथम दर्शन जल अर्पण करते समय कार्तिकेय मंडपम् से होंगे। इसके बाद गणेश मंडपम् की दो कतार में चलते हुए उन्हों दो बार दर्शन होंगे। गंगा या नर्मदा से कावड़ लेकर आने वाले यात्री भगवान महाकाल के दरबार से खुश होकर लौटेंगे।

14 जुलाई से उज्जैन पहुंचने लगेगी कावड़ यात्रा

महाकाल मंदिर में 14 जुलाई को श्रावण मास के पहले दिन से कावड़ यात्राओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। स्थानीय संत के साथ इंदौर, देवास, शुजालपुर आदि शहरों के विभिन्न धार्मिक संगठनों की कावड़ यात्रा उज्जैन पहुंचेंगी। कोरोना काल के दो साल मंदिर में कावड़ यात्राओं के प्रवेश पर रोक थी। इस बार कोरोना प्रतिबंध समाप्त होने के बाद बड़ी संख्या में कावड़ियों के उज्जैन आने की संभावना है।

वर्षा के लिए हो रहे महारुद्राभिषेक की पूर्णाहुति आज

महाकाल मंदिर में उत्तम वर्षा के लिए हो रहे महारूद्राभिषेक का सोमवार को समापन होगा। पूर्णाहुति पर हवन किया जाएगा। अनुष्ठान में शामिल ब्राह्मण वेदमंत्रों के साथ यज्ञ में आहुति डालेंगे। शहर में अब तक वर्षा का क्रम शुरू नहीं हुआ है अनुष्ठान की पूर्णाहुति पर यज्ञ में माध्यम से भगवान से देश, प्रदेश व नगर में उत्तम वर्षा की प्रार्थना की जाएगी। मंदिर समिति द्वारा सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करने के एक दिन बाद 23 जून से महारूद्राभिषेक का शुभारंभ किया था। बीते पांच दिन से सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक अनुष्ठान किया जा रहा है। भगवान महाकाल व श्रृंगी ऋषि पर सतत शीतल जलधारा प्रवाहित की जा रही है। नंदी मंडपम् में बैठकर 55 ब्राह्मण पर्जन्य मंत्रों की संपुटी लगार मंत्र जाप कर रहे हैं। सोमवार को पूर्णाहुति पर यज्ञ होगा तथा भगवान से शीघ्र वर्षा करने की प्रार्थना की जाएगी।

 

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