सहारनपुर हिंसा के पीछे काले कपड़े-नीली टोपी:ऐसी ड्रेस में 50-60 लोग मस्जिद के बाहर पहुंचे, शराब पीकर भड़काऊ नारे लगाए; फिर हिंसा भड़क गई

हैदराबाद का पॉश इलाका जुबली हिल्स। एक बड़े सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति की ऑफिशियल इनोवा कार। कार में सियासी रसूख वाले पांच लड़के और लड़कों के जाल में फंसी एक अकेली नाबालिग लड़की। लड़की का कार में गैंगरेप और फिर उस पर मचा सियासी हंगामा।

हैदराबाद के जुबली हिल्स की इस सनसनीखेज घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े किए। जैसे 28 मई को गैंगरेप का शिकार हुई लड़की 31 मई तक चुप क्यों रही? वो पांच लड़कों के साथ अकेले कार में क्यों बैठी? क्या पुलिस ने सियासी रसूख के दबाव में काम किया और शुरुआत में मामले को दबाने की कोशिश की? क्या पुलिस के पास अब पर्याप्त सबूत हैं और वह अदालत में अभियुक्तों को दोषी ठहराने में कामयाब हो सकेगी?

इन्हीं सवालों के जवाब तलाशने और घटना की कड़ियां जोड़ने के लिए दैनिक भास्कर रिपोर्टर पूनम कौशल ने हैदराबाद में इस घटना की पड़ताल की और पुलिस अधिकारियों, स्थानीय पत्रकारों, राजनेताओं, वकीलों और लोकल लोगों से बात की।

ये घटना इतनी संवेदनशील है और पीड़िता और अभियुक्तों के नाबालिग होने के चलते कानूनी पेचीदगियां ऐसी हैं कि किसी ने भी खुलकर बात नहीं की। जिन लोगों ने बात की उन्होंने भी नाम न छापने की शर्त रख दी।

28 मई शनिवार का दिन। हैदराबाद के जुबली हिल्स की रोड नंबर 36 पर स्थित एमनीसिया पब में होने जा रही ‘यूफोरिया’ पार्टी को लेकर शहर के युवाओं में जोश था। प्री स्कूल रीओपनिंग बैश कही जा रही इस पार्टी का इनविटेशन सोशल मीडिया के जरिये बांटा गया। बेंगलुरु के आयोजक ने एंट्री फीस 900 रुपए रखी थी, लेकिन पार्टी में युवाओं की जबरदस्त दिलचस्पी देखकर इसे बढ़ाकर 1,300 रुपए कर दिया था।

सोनिया (बदला हुआ नाम) भी इस पार्टी में जाने को लेकर उत्साहित थी। ब्लैक कलर की वन पीस ड्रेस पहने सोनिया अपनी दोस्त के साथ दिन में एक बज कर दस मिनट पर पब पहुंची। उसका एक दोस्त भी वहां था।

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