देश को सर्वाधिक IAS देनेवाले बिहार में अफसरों की कमी, 359 स्वीकृत पद में 157 खाली
पटना. देश के हर चार जिले में एक आइएएस या आइपीएस बिहार मूल का है. देश में बिहार सर्वाधिक आइएएस देता है, लेकिन देश में आइएएस की कमी का सबसे अधिक खामियाजा बिहार को उठाना पड़ रहा है. स्वीकृत पद के मुकाबले बिहार में सबसे कम आइएएस पदस्थापित हैं. आइएएस के रिक्त पदों पर नजर डालें तो बिहार में यह देश में सबसे ज्यादा है.
अधिकारियों की कमी का राष्ट्रीय औसत 22 फीसदी
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की कमी का राष्ट्रीय औसत 22 फीसदी है, वहीं बिहार में यह औसत 43 फीसदी है. मतलब करी करीब आधा पद खाली है. अधिकारियों की कमी के कारण राज्यों को कैडर पदों पर गैर-कैडर अधिकारियों की नियुक्ति करने की नौबत आ चुकी है.
359 की जगह महज 202 पद पर अफसर
बिहार में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के कुल स्वीकृत 359 पद है. इसमें से 157 पद खली हैं. यानी 43% अफसरों की कमी है. सिर्फ 202 पदों पर ही अधिकारी कार्यरत तैनात हैं. अधिकारियों की कमी का खामियाजा प्रशासन पर नजर आता है. एक दर्जन से अधिक अधिकारियों को कई विभागों की जिम्मेदारी दी गयी है.
प्रमोशन वाले 101 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 70% खाली
अभी बिहार में कार्यरत 202 अधिकारियों में मुख्य सचिव स्तर के 11 अधिकारी तैनात हैं. कमाल की बात यह है कि बिहार में बिप्रसे से आइएएस कैडर में प्रमोशन वाले 101 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 70% खाली बचे हुए हैं.
स्वीकृत पद (टॉप पांच राज्य)
- उत्तर प्रदेश-788
- बिहार- 416
- राजस्थान- 383
- तमिलनाडु- 368
- महाराष्ट्र- 323
- अफसरों की संख्या बढ़ाने का आश्वासन
बिहार में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से सिफारिश भी की है कि वह अधिकारियों की वार्षिक संख्या बढ़ाए. समिति ने सिविल सेवा परीक्षा से हर साल और अधिक अधिकारियों की भर्ती हो सके, इसके लिए उपयुक्त समाधान खोजने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. बिहार सरकार ने केंद्र से बिहार के लिए और अधिक अधिकारी का कोटा निर्धारित करने का अनुरोध किया है.
देश में खाली पद (टॉप पांच राज्य)
- बिहार- 43%
- त्रिपुरा- 40%
- नागालैंड- 37%
- केरल- 32%
- झारखंड- 31%