गुजराती काश पटेल को बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहे हैं ट्रंप, अमेरिकी खुफिया तंत्र में मची खलबली
भारतीय मूल के गुजराती काश पटेल को डोनाल्ड ट्रंप जो जिम्मेदारी देने जा रहे हैं, उसे लेकर अमेरिका के खुफिया समुदाय में खलबली मच गई है। दरअसल, उन्होंने 'गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ एंड द बैटल फॉर अवर डेमोक्रेसी' नाम से एक किताब लिखी थी, जिसे ट्रंप ने अपने अगले कार्यकाल का रोडमैप बताया है।
HIGHLIGHTS
- मूल रूप से गुजरात के वडोदरा का रहने वाला है काश पटेल का परिवार।
- अमेरिकी खुफिया समुदाय के बारे में कट्टरपंथी विचार रखते हैं काश पटेल।
- उनकी किताब को ट्रंप ने बताया भ्रष्टाचारी को उजागर करने वाला रोडमैप।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक चौंकाने वाले फैसले कर रहे हैं। इसी कड़ी में वह भारतीय मूल के गुजराती काश पटेल को बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहे हैं, जिससे अमेरिकी खुफिया विभाग में हलचल बढ़ गई है।
अपने इस कार्यकाल में ट्रंप शीर्ष पदों पर अपने वफादार व्यक्तियों का स्थान दे रहे हैं। इसकी वजह है कि वह इस बार अपने सहयोगियों के दबाव में न आएं, जैसा कि पहले कार्यकाल के दौरान कई मामलों में देखने को मिला था।
लिहाजा, इस बार उन्होंने गुजराती मूल के काश पटेल (kash patel) को बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए चुना है। बताया जा रहा है कि काश पटेल को एफबीआई में शीर्ष पद दिया जा सकता है। हालांकि, इससे पहले उनको सीआईए प्रमुख बनाए जाने की चर्चा चल रही थी। मगर, उस पद पर ट्रंप ने अपने करीबी सहयोगी जॉन रैटक्लिफ को नामित किया।
पटेल के आने से क्यों मची खलबली?
काश पटेल के एफबीआई में आने की चर्चा से ही अमेरिका के खुफिया समुदाय में खलबली मच गई है। दरअसल, वह अमेरिका के खुफिया समुदाय के बारे में कट्टरपंथी विचार रखते हैं। इसके बारे में वह ‘गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ एंड द बैटल फॉर अवर डेमोक्रेसी’ नाम से एक किताब लिख चुके हैं।
ट्रंप कह चुके हैं कि पटेल की किताब उनके अगले कार्यकाल का खाका होगी। यह हर भ्रष्टाचारी को उजागर करने वाला एक शानदार रोडमैप है। हम गैंगस्टर्स से व्हाइट हाउस की ताकत को वापस लाने और सभी सरकार पदों को स्वतंत्र बनाने में मदद करने के लिए इस ब्लूप्रिंट का इस्तेमाल करेंगे।
यह है काश पटेल का प्रोफाइल
- 44 साल के काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है।
- न्यूयॉर्क में जन्मे काश का परिवार वडोदरा का रहने वाला है।
- काश पटेल ने करियर की शुरुआत वकालत के पेशे से की।
- फिर वो ट्रंप प्रशासन में शामिल हुए और उनके वफादार बने।
- माता-पिता युगांडा में रहते थे, वो पूर्वी अफ्रीका से US गए थे।
- काश ने रिचमंड विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
- न्यूयॉर्क में आने के बाद उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की।
एलन मस्क को दी बड़ी जिम्मेदारी
बताते चलें कि ही में उन्होंने उद्योगपति एलन मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ का नेतृत्व सौंपा है। इस काम में उनका साथ भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी करेंगे। यह विभाग सरकारी दक्षता को बढ़ाने का काम करेगा।
इनका काम सरकारी नौकरशाही को खत्म करना, गैरजरूरी नियमों को हटाना, व्यर्थ व्यय में कटौती करना और संघीय एजेंसियों का पुनर्गठन करेंगे। अमेरिका के इतिहास में यह बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा। ट्रंप ने एलन मस्क को सरकारी खर्चे कम करने और देश को मुनाफे में ले जाने वाली नीतियां बनाने का बड़ा जिम्मा सौंपा है।