ठीक होने के 9 महीनों बाद भी मरीज का पीछा नहीं छोड़ रहे कोरोना के 2 अजीब लक्षण

कोरोना वायरस महामारी का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। पिछले एक महीने से कोरोना के नए मामलों में भारी उछाल देखा जा रहा है। चिंता की बात यह है कि कोरोना मरीजों का ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा है। कोरोना की चौथी लहर में लक्षण बेशक हल्के हैं लेकिन वायरस लंबे समय तक शरीर में बना रह सकता है। लंबे समय तक बने रहने वाले लक्षणों को लॉन्ग कोविड कहा जाता है।

अध्ययनों से पता चला है कोरोना का हल्का संक्रमण भी लॉन्ग कोविड का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों ने हल्के लक्षणों की अनदेखी करने के खिलाफ चेतावनी दी है और लोगों से सभी जरूरी उपायों का पालन करने की सलाह दी है। इसका मतलब यह है कि अगर पिछले दिनों आपको कोरोना हुआ है और आप कुछ हफ्तों बाद भी हल्के लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो आपको समझ लेना चाहिए कि आप पूरी तरह कोरोना से मुक्त नहीं हुए हैं। हाल ही में एक अध्ययन में लॉन्ग कोविड के दो अजीब लक्षणों का पता चला है, जो सामान्य लक्षणों से बिल्कुल अलग हैं।

लॉन्ग कोविड के 2 अजीब लक्षण

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जर्नल ऑफ इंफेक्शन में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में लॉन्ग कोविड के दो नए अजीब लक्षणों का पता चला है। बताया जा रहा है कि यह लक्षण संक्रमण के बाद कई महीनों तक रह सकते हैं। इस अध्ययन में इटली में 18 वर्ष से अधिक आयु के 465 मरीजों को शामिल किया गया।

37% मरीजों में मिले 4 लक्षण

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शोधकर्ताओं ने पाया कि 37% प्रतिभागियों में कम से कम चार लक्षण नजर आए और 42% ने 28 दिनों से अधिक समय तक चलने वाले लक्षणों की सूचना दी। इसके अलावा, नौ महीने में 20% मरीज अभी भी कोरोना के दो क्लासिक लक्षणों से पीड़ित थे।

थकान और सांस फूलना

कई अध्ययनों ने संकेत दिया है कि लॉन्ग कोविड लंबे समय तक चलने वाली थकान का कारण बन सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 46% रोगी ठीक होने के हफ्तों और महीनों बाद थकान की रिपोर्ट करते हैं। लक्षण शुरू होने के 16-20 सप्ताह बाद 13% से 33% लोगों में लगातार थकान की सूचना दी गई। जर्नल ऑफ इंफेक्शन में प्रकाशित हालिया अध्ययन में पाया गया कि थकान के अलावा, लगभग 20% प्रतिभागियों में सांस फूलना भी एक सामान्य लंबे समय तक चलने वाला लक्षण था, जो ठीक होने के 9 महीने बाद भी महसूस हुआ।

मनोवैज्ञानिक परेशानी

इसके अलावा एक अध्ययन में कहा गया है कि जहां 18% रोगी पहले की तरह स्वस्थ नहीं हो पाए, वहीं 19% ने नौवें महीने के दौरान मनोवैज्ञानिक परेशानी की सूचना दी।

लॉन्ग कोविड का ज्यादा खतरा किसे

अध्ययन में कुछ जोखिम कारक भी पाए गए जो बता सकते हैं कि कं लोगों को लॉन्ग कोविड लक्षणों का अधिक खतरा है। शोधकर्ताओं के अनुसार, 50 वर्ष से अधिक उम्र के रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने और ठीक होने के महीनों बाद भी लगातार लक्षण महसूस होने की संभावना है।

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