Kangana Ranaut: ‘महिलाओं का अपमान करने वाला राक्षस’… महाराष्ट्र के नतीजों के बाद कंगना रनौत का उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला
हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला। बता दें, जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कंगना के बांद्रा बंगले पर बुलडोजर चलाया था। बकौल कंगना, उन्होंने मेरे घर को ध्वस्त कर दिया और मुझे गालियां दीं।
HIGHLIGHTS
- 90 सीटों पर उद्धव ठाकरे ने लड़ा था चुनाव
- सिर्फ 20 सीट जीत पाया शिवसेना UBT धड़ा
- उद्धव ने परिणाम को बताया- ‘अविश्वसनीय’
एजेंसी, मुंबई (Maharashtra assembly election 2024)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट हैरानी में है। अब भाजपा सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला है।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कंगना ने उद्धव को महिलाओं का अपमाने वाला राक्षस बताया। कंगना ने कहा, ‘मुझे पहले से आभास हो गया था कि विधानसभा चुनाव में में उद्धव ठाकरे की इतनी बुरी होगी। हम पहचान सकते हैं कि कौन ‘देवता’ है और कौन ‘दैत्य’ है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन महिलाओं का अपमान करता है और कौन महिलाओं का सम्मान करता है और उनके कल्याण के लिए योजनाएं चलाता है।’
कंगना ने कांग्रेस पर भी साधा निशाना
- कंगना ने कहा कि इतिहास गवाह है कि हम दैत्यों और देवताओं को कैसे पहचानते हैं? महिलाओं का अपमान करने वाला दैत्या है और उनकी भलाई के लिए काम करने वाला देवता है।
- मुंबई स्थिति अपने बंगले पर बीएमसी की बुलडोजर कार्रवाई का जिक्र करते हुए कंगना ने कहा है कि उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी, यह पहले से कहीं न कहीं दिखने लगा था।
- कांग्रेस की हार पर कंगना ने कहा कि उनको भी जनता से जवाब मिला है कि यह देश बलिदान से बना है और कुछ मूर्खों के इकट्ठा हो जाने से इस देश के टुकड़े नहीं हो सकते हैं।
- कंगना ने इन परिणामों को भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के लिए ऐतिहासिक बताया। जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी लीडरशिप में चलाई जा रही नीतियों को दिया।
महाराष्ट्र में कौन बनेगा मुख्यमंत्री…
महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल पर कंगना ने कहा कि यह पार्टी तय करेगी, लेकिन पार्टी की विचारधारा पर चलते हुए काम करने वाले कई नेता हैं। भाजपा हमेशा एक सिद्धांत पर चलती है, जहां कार्यकर्ता और नेता बराबर माने जाते हैं।