घर की इस दिशा में भूलकर भी न लगाएं अनार का पेड़, खाली हो जाएगी तिजोरी

अनार का पेड़ हिंदू धर्म में लक्ष्मी और विष्णु के वास का प्रतीक माना जाता है। इसे शुभ दिशा में लगाने से घर में धन, सुख, और समृद्धि आती है, जबकि गलत दिशा में लगाने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं अनार का पेड़ लगाते समय किन दिशाओं का ध्यान रखना चाहिए और किन दिशाओं से परहेज करना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. अनार का पेड़ में होता है लक्ष्मी और विष्णु का वास स्थान
  2. इसे घर में लगाने से सुख-समृद्धि और बरकत भी आती है
  3. अनार खाने के कई फायदे हैं, इसे सुपरफूड माना जाता है

धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में पेड़-पौधों का विशेष महत्व है, उनमें से एक प्रमुख है अनार का पेड़, जिसे माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है। इसे घर में लगाने से न केवल सुख-समृद्धि, बल्कि धन और बरकत भी आती है। वास्तु शास्त्र में अनार का पेड़ लगाने के लिए सही दिशा का चुनाव करना बहुत जरूरी है, वरना इसके नाकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं। एक अनार रोज खाने के कई फायदे हैं।

अनार के पेड़ से जुड़ी खास बातें

वास्तु शास्त्र के अनुसार, अनार के पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। इसे घर में लगाने से न केवल आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहती है। मान्यता है कि जिस घर में अनार का पेड़ लगा होता है, वहां परिवार को कभी आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता।

सही दिशा का चयन करें

वास्तु शास्त्र में अनार के पेड़ को लगाने के लिए आग्नेय कोण सबसे शुभ माना जाता है। आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में इसे लगाने से धन लाभ और वंश वृद्धि होती है। इसके अलावा, मुख्य द्वार के दाएं ओर अनार का पौधा लगाना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है और समृद्धि बनी रहती है।

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इन दिशाओं में भूलकर भी न लगाएं अनार का पेड़

अनार का पेड़ दक्षिण दिशा में कभी नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है। इसके अलावा, घर के बीच में या उत्तर-पश्चिम दिशा में भी अनार का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और पारिवारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।

गार्डन में अनार का पौधा लगाने का तरीका और देखभाल

अनार का पौधा अगस्त से सितंबर या फरवरी से मार्च के बीच लगाया जा सकता है। गर्म इलाकों में, बीज सितंबर से नवंबर के बीच भी लगाए जा सकते हैं। घर के गार्डन में लगाते हैं तो बड़े गमले का उपयोग करें, जिसमें नीचे छेद हो। मिट्टी में ह्यूमस, कंपोस्ट और पेड़ की खाद डालें। पौधा ऐसी जगह रखें, जहां भरपूर धूप मिले।

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सघन खेती

अनार के पौधे को लगाने के लिए 5-6 मीटर की दूरी पर पौधों को रोपें। गड्ढे की लंबाई, चौड़ाई और गहराई लगभग 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए। गर्मियों में सिंचाई 5-7 दिनों में और सर्दियों में 10-12 दिनों में करनी चाहिए। अनार का पौधा 3-4 साल में फल देना शुरू करता है। फलों को पूरी तरह पकने के बाद 120-130 दिनों में तोड़ा जाता है।

अनार खाने के फायदे

अनार “फ्रूट ऑफ पैराडाइज” है, जो एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और विटामिन्स से भरपूर होता है। यह त्वचा के उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है, पाचन सुधारता है, इम्यूनिटी बूस्ट करता है और हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाता है। अनार ब्लड फ्लो को सुधारता है, जिससे हार्ट हेल्थ बेहतर रहती है और स्ट्रोक या हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। यह एक संपूर्ण सुपरफूड है जो शरीर के विभिन्न सिस्टम्स को लाभ पहुंचाता है।

डिसक्लेमर: ‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

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