अभिरक्षा में गुरुचंद मंडल मौत मामले में नया मोड़, झारखंड में मिली पत्नी रीना मंडल की लाश, भाई ने की पहचान
मामला थाना बलरामपुर का है पहले 29 सितंबर को रीना लपता हुई तो मायके वालों ने उसके पति पर लगाया आरोप पुलिस थाने ला कर रही थी पुछताछ और थाने में हो गई मौत। 29 को मौत अगले दिन 30 सितंबर को गढ़वा झारखंड मिली थी लाश पर पहचान के अभाव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। फोटो से भाई ने पहचाना...
HIGHLIGHTS
- बंधे थे दोनों हाथ, सिर में चोट के निशान, अपहरण और हत्या हो सकता है मामला
- पति को पुछताछ के लिए पुलिस अभिरक्षा में लिया गया था वहां उसकी मौत हुई
- रीना मंडल का अपहरण और हत्या का आरोप मायके पक्ष ने ससुराल पक्ष लगाया
अंबिकापुर। पुलिस थाना बलरामपुर में गुरुचंद मंडल की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। झारखंड के गढ़वा से लगे कोयल नदी में 30 सितंबर को मिली लाश मृतक गुरुचंद मंडल की पत्नी रीना मंडल की थी। मृतका के भाई बदला गिरी ने मृतका की पहचान अपनी बहन के रूप में कर दी है।
मृतका के भाई ने लगाया आरोप
उनका है कि रीना का अपहरण कर हत्या किया गया था। साक्ष्य छिपाने के लिए शव को गढ़वा के नजदीक नदी में फेंक दिया गया था। उसके दोनों हाथ बंधे थे तथा सिर में चोट के निशान थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सिर में आई चोट को ही मौत का कारण बताया गया है।
रीना के पति को थाने बुलया गया था और थाने में ही उसकी मौत हो गई
मृतका रीना मूलतः सरगुजा जिले के बतौली थाने के ग्राम झेराडीह की रहने वाली थी। बलरामपुर के ग्राम सन्तोषीनगर निवासी गुरुचंद मंडल से विवाह के बाद वह ससुराल में ही रहती थी। बीते 29 सितंबर की शाम से वह लापता थी। उसी रात पति ने बलरामपुर थाने में इसकी सूचना दी थी। रीना के अपहरण और हत्या के मायके पक्ष के आरोप को देखते हुए बलरामपुर पुलिस ने पति व ससुर को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था।
पूछताछ के दौरान ही पति गुरुचंद मंडल की मौत हुई थी। पुलिस ने थाने में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिए जाने का आरोप लगाया था। पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत के बाद बलरामपुर में तनाव का माहौल निर्मित हो गया था। दो दिनों तक बलरामपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई थी।
थाने में हुई थी तोड़फोड़
बलरामपुर थाने में तोड़फोड़ और पथराव की घटना ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया था। कांग्रेस ने पूरे घटनाक्रम पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की थी। अब मामले में नया मोड़ ले लिया है। रीना की मौत की पुष्टि हो जाने के बाद बलरामपुर पुलिस की जांच की दिशा भी बदल जाएगी। बताया जा रहा है कि 29 सितंबर को रीना लापता हुई थी।
कोयल नदी में महिला की लाश हो चुका था अंतिम संस्कार फोटो में रीना निकली
29 को मौत अगले दिन 30 सितंबर को गढ़वा झारखंड के कोयल नदी में महिला की लाश मिली थी। गढ़वा पुलिस द्वारा स्थानीय स्तर पर पहचान करने की कोशिश की गई लेकिन पहचान नहीं हो पाने के कारण किसी स्वयं सेवी संस्था के माध्यम से महिला के शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। बताया जा रहा है कि बीते एक नवंबर को गढ़वा पुलिस की ओर से बलरामपुर पुलिस को सूचना दी गई थी। तब पता चला की वह लापता रीना है।
झारखंड गढ़वा में मिला था रीना का शव फोटे से भाई ने पहचाना
गढ़वा में महिला की लाश मिलने की जानकारी पर बलरामपुर पुलिस ने संभावना के आधार पर रीना के मायके पक्ष को सूचित किया था। रीना के भाई बदला गिरी व अन्य रिश्तेदार बलरामपुर पुलिस के साथ गढ़वा गए थे। यहां झारखंड पुलिस ने मृतका की तस्वीर और अन्य सामान दिखाए। इसके आधार पर रीना के भाई ने उसकी पहचान कर ली है।
रीना का शव मिलने के लगभग एक महीने बाद बलरामपुर पुलिस को सूचना मिलने पर सवाल उठ रहे हैं। बलरामपुर, झारखंड के गढ़वा जिले से लगा हुआ है। रीना की खोजबीन में बलरामपुर पुलिस गढ़वा भी गई थी उसके बाद भी एक महिला का शव मिलने की जानकारी बलरामपुर पुलिस को नहीं मिल सकी। इसे अंतरराज्यीय समन्वय की कमी बताई जा रही है। रीना के भाई ने अपहरण और हत्या का आरोप लगाया है।
रीना के स्वजनों की न्याय की मांग
मृतका के मायके पक्ष के लोगों का दुख यह है कि पुलिस अभिरक्षा में गुरुचंद मंडल की मौत के बाद नेता, मंत्री से लेकर अधिकारियों ने सक्रियता दिखाई। उनके परिवार की बेटी चली गई लेकिन कोई पूछने तक नहीं आया। रीना के लापता होने की घटना को लोगों ने भुला दिया। अब तो उसकी लाश भी मिल गई है। उन्होंने पूरे मामले में ससुराल पक्ष के लोगों की भूमिका पर सवाल उठा निष्पक्ष ,त्वरित जांच के साथ न्याय की मांग की है।