Ratan Tata: आर्किटेक्ट बनने के चक्कर में रहते, तो रतन टाटा को आज कौन जानता… पढ़िए सफल बिजनेसमैन की कहानी
रतन टाटा आज भले ही हमारे बीच न रहे हो, लेकिन उनका योगदान, जीवनशैली और सक्सेस स्टोरी की चर्चा लगातार होती है। सोशल मीडिया पर जब भी उनकी कोई पोस्ट आती है, तो यूजर्स बड़े सम्मान के साथ रिएक्शन देते हैं। सबसे ज्यादा तारीफ रतन टाटा की सादगी की होती है।
HighLights
- रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था
- 28 दिसंबर 2012 को टाटा ग्रुप अध्यक्ष पद छोड़ा था
- सोशल मीडिया में लगातार चर्चा में रहते हैं रतन टाटा
एजेंसी, नई दिल्ली (Ratan Tata Facts)। मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। रतन टाटा आज भी करोड़ों लोगों की प्रेरणा थे। न केवल उनकी सफलता के किस्से आज भी चर्चा के केंद्र में होते हैं, बल्कि उनकी निजी जिंदगी पर भी लोगों का खास ध्यान होता है।
बहुत कम लोगों को पता है कि एक उद्योगपति परिवार में जन्म लेने के बाद भी रतन टाटा का पहला प्यार बिजनेस नहीं था, बल्कि वे एक आर्किटेक्ट बनना चाहते थे। उन्होंने कई मौकों पर इसे अपना ड्रीम जॉब भी बताया।
फिर रतन टाटा ने अपने पिता नवल टाटा की इच्छा का मान रखते हुए इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। वर्ष 1959 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से डिग्री लेने के बाद इंटर्नशिप के लिए टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट आए।
इसके साथ ही उद्योग जगत में उनका पदार्पण हुआ। हालांकि, उन्होंने लंबा अनुभव भी हासिल किया। इंटर्नशिप के बाद 1961 में टाटा समूह में शामिल हुए। शुरुआत में टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर लाइमस्टोन को हटाने और भट्टी को हैंडल करने का काम सीखा। लगभग 30 तक तक विभिन्न पोस्ट पर रहने के बाद 1991 में टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला और 21 सालों तक टाटा समूह का नेतृत्व किया।
रतन टाटा और सिमी ग्रेवाल की प्रेम कहानी
रतन टाटा और सिमी ग्रेवाल की प्रेम कहानी काफी सुर्खियों में रही। दोनों रिलेशन के बारे में खुद सिमी ग्रेवाल ने बात की थी। उन्होंने अपने संबंधों को खास बताया था। अभिनेत्री ने कहा था कि रतन टाटा बहुत ही सफल बिजनेसमैन हैं, लेकिन वह कभी पैसों को महत्व नहीं देते हैं। वह अपने काम में बहुत ही परफेक्ट हैं। वह विनम्र हैं, मजाकिया भी हैं। वह एक सच्चे जेंटलमैन हैं।
रतन टाटा की लव स्टोरी
- रतन टाटा एक सफल उद्योगपति तो बन गए, लेकिन प्यार में उनको सफलता नहीं मिला।
- रतन टाटा जब अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहे थे, तब एक लड़की से प्यार हो गया था।
- रतन टाटा चाहते थे कि वो विदेशी युवती उनके साथ भारत चले, शादी करें और वहीं बस जाए।
- हालांकि ऐसा न हो सका। युवती भारत आने के लिए तैयार नहीं हुई। फिर रिश्ता टूट गया।
- कुछ लोग 1962 के इंडो-चाइना वॉर को भी रतना टाटा की प्यार में नाकामी को जिम्मेदार ठहराते हैं।
टाटा समूह में आजकल एक नाम की जबरदस्त चर्चा है। वह है – माया टाटा। 34 वर्षीय माया भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में से एक, टाटा समूह में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में उभर रही हैं।
माया टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की सौतेली भतीजी हैं। माया रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा और दिवंगत साइरस मिस्त्री की बहन आलू मिस्त्री की बेटी हैं, जिन्होंने कभी टाटा समूह का नेतृत्व किया था।