आज देवी मंदिरों में होगी विशेष पूजा-अर्चना, ऐसे करें मां दुर्गा की पूजा, मां स्कंदमाता को भोग में केला फल चढ़ाने का है बड़ा महत्व

शारदीय नवरात्र के पंचमी तिथि के अवसर पर सोमवार को देवी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होगी। रतनपुर स्थित प्रसिद्ध आदिशक्ति मां महामाया मंदिर में विशेष शृंगार किया जाएगा। जहां देवी मां का आकर्षक रूप भक्तों को दर्शन देने के लिए सजाया है।

HIGHLIGHTS

  1. मां महामाया मंदिर परिसर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़।
  2. महामाया मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी इसे विशेष बनाता है।
  3. शहर के सभी देवी मंदिरों में महाआरती, भोग भंडारा,मिलेगा प्रसाद।

बिलासपुर। पंचमी तिथि पर श्रद्धालु स्कंदमाता के स्वरूप की पूजा-अर्चना करेंगे और माता को विशेष रूप से फलों का भोग अर्पित किया जाएगा। मंदिर परिसर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़। जो मां महामाया के दर्शन के लिए उमड़ेगी है। श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि पूजा-पाठ और दर्शन में कोई असुविधा न हो।

भक्तजन फूल, नारियल, फल, और चुनरी लेकर माता के दरबार में अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे। आज के दिन स्कंदमाता की पूजा विशेष महत्व रखती है। क्योंकि माना जाता है कि इससे भक्तों को ज्ञान, शांति, और संतोष की प्राप्ति होती है।
रतनपुर में स्थित महामाया मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी इसे विशेष बनाता है। जहां दूर-दूर से लोग नवरात्र के दौरान दर्शन करने आते हैं। मंदिर में विशेष आरती और भजन संध्या का भी आयोजन होगा। जो भक्तों के मन में भक्ति की भावना को और प्रगाढ़ बनाएगा।
स्कंदमाता स्वरूप की पूजा
ज्योतिषाचार्य पंडित देव कुमार पाठक का कहना है कि स्कंदमाता की स्वरूप काफी प्यारा है। मां दुर्गा की स्वरूप स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं, जिसमें दो हाथों में कमल लिए हैं, एक हाथ में कार्तिकेय बाल रूप में बैठे हुए हैं और एक अन्य हाथ में मां आशीर्वाद देते हुए नजर आ रही हैं। पंचमी तिथि पर घरों में भी विधिवज पूजा अर्चना का दौर चलेगाद्ध व्रती मां दुर्गा सप्तशती का पाठ करेंगे।
ऐसे करें मां दुर्गा की पूजा
पं.पाठक बताते हैं कि सबसे पहले जल से आचमन करें। इसके बाद मां को फूल, माला चढ़ाएं। इसके बाद सिंदूर, कुमकुम, अक्षत आदि लगाएं। फिर एक पान में सुपारी, इलायची, बताशा और लौंग रखकर चढ़ा दें। इसके बाद मां स्कंदमाता को भोग में फल में केला और इसके अलावा मिठाई चढ़ाएं। इसके बाद जल अर्पित कर दें। इसके बाद घी का दीपक, धूप जलाकर मां के मंत्र का जाप करें। इसके बाद दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और अंत में दुर्गा मां के साथ स्कंदमाता की आरती करें।
देवी मंदिरों में महाआरती
शहर के काली मंदिर तिफरा, सरकंडा स्थित श्रीपीतांबरा पीठ मां बगलामुखी देवी मंदिर, सतबहिनिया मंदिर, बंधवापारा, हरदेव लाल मंदिर, शनिचरी, मां काली मंदिर कुदुदंड, दुर्गा मंदिर जरहाभाठा, दुर्गा मंदिर दयालबंद, दुर्गा मंदिर पुलिस लाइन, दुर्गा मंदिर, जवाली पुल, महामाया मंदिर, गणेश नगर व त्रिपुर सुंदरी मंदिर कोतवाली, मरीमाई मंदिर रेलवे परिक्षेत्र न्यू लोको कालोनी में पंचमी की शाम महाआरती की जाएगी। इसके बाद षष्ठी को कात्यायनी सप्तमी को कालरात्रि, अष्टमी को महागौरी व नवमी के दिन सिद्धदात्री स्वरूप की पूजा की जाएगी।

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