Navratri Ghatasthapana Muhurat: सुबह 6:30 बजे से शाम तक शुभ, अभिजीत, लाभ और अमृत में घटस्थापना के हैं मुहूर्त

नवरात्र घट स्थापना मुहूर्त : शारदीय नवरात्र के नौ दिनों में तीन बार सर्वार्थसिद्धि और तीन बार रवियोग का संयोग बनेगा। इस विशिष्ट योगों की साक्षी में की गई साधना आराधना विशिष्ट फल प्रदान करेगी। साथ इन योगों में भूमि, भवन, वाहन, इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद खरीदना विशेष शुभ व स्थाई समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है।

HIGHLIGHTS

  1. नवरात्र में अष्टमी व नवमी की पूजा एक ही दिन होगी।
  2. नवरात्र में 5, 7,12 अक्टूबर को सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा।
  3. नवरात्र में 5,6,11 अक्टूबर को रवि योग का संयोग रहेगा।

उज्जैन(Navratri Ghatasthapana Muhurat)। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर गुरुवार को हस्त नक्षत्र व ऐंद्र योग की साक्षी में शारदीय नवरात्र का आरंभ होगा। इस दिन घटस्थापना के दिनभर शुभ मुहूर्त हैं। पंचांग की गणना के अनुसार इस बार नवरात्र पूरे नौ दिन के रहेंगे। लेकिन तिथि की घट बढ़ के कारण अष्टमी व नवमी की पूजा एक ही दिन होगी।

ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया नवरात्र में घटस्थापना का विशेष महत्व है। अगर घटस्थापना के समय विशेष योग की साक्षी हो, तो पर्वकाल शुभफल प्रदान करता है। इस बार गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र व ऐंद्र योग की साक्षी में शारदीय नवरात्र की घटस्थापना होगी। इस योग में विधि विधान से की गई कलश स्थापना या घट स्थापना राजकीय लक्ष्य को पूर्ण कराती है।

किस तारीख को कौन सी तिथि

  • 3 अक्टूबर गुरुवार प्रतिपदा
  • 4 अक्टूबर शुक्रवार द्वितीया
  • 5 अक्टूबर शनिवार तृतीया
  • 6 अक्टूबर रविवार तृतीय उपरांत चतुर्थी
  • 7 अक्टूबर सोमवार चतुर्थी उपरांत पंचमी
  • 8 अक्टूबर को मंगलवार छठ
  • 9 अक्टूबर दोपहर 12 बजे से सप्तमी
  • 10 अक्टूबर गुरुवार दोपहर 12.30 बजे से अष्टमी
  • 11 अक्टूबर शुक्रवार 12.22 तक अष्टमी उपरांत नवमी
  • 12 अक्टूबर शनिवार सुबह 11 बजे तक नवमी उसके बाद दशहरा

शारदीय नवरात्र में घट स्थापना के मुहूर्त

  • सुबह 6.30 से 8 बजे तक : शुभ का चौघड़िया
  • सुबह 10.50 से 12. 20 बजे तक : अभिजीत
  • सुबह 11 से दोपहर 12.30 बजे तक : चंचल
  • दोपहर 12.30 से दोपहर 2 बजे तक : लाभ
  • दोपहर 2 बजे से 3.30 बजे तक : अमृत
  • शाम 5 बजे से शाम 6.30 बजे तक : शुभ अमृत बेला

शारदीय नवरात्र में सर्वार्थसिद्धि व रवियोग

इस बार नवरात्र पूरे नौ दिन के, अष्टमी व नवमी की पूजा एक ही दिन होगी। पंचांगीय गणना के अनुसार 5, 7,12 अक्टूबर को सर्वार्थसिद्धि तथा 5,6,11 अक्टूबर को रवि योग का संयोग रहेगा।

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