ड्राइविंग स्कूलों से शुरू होगा यातायात नियमों का पाठ
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य सदस्यों ने भी अपने सुझाव और विचार साझा किए, जिससे भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान प्रदेश भर के ड्राइविंग स्कूलों के संचालक मौजूद रहे।
HIGHLIGHTS
- आल छत्तीसगढ़ ड्राइविंग स्कूल की बैठक हुई।
- प्रदेश भर के ड्राइविंग स्कूलों के संचालक मौजूद रहे।
- जिससे सुरक्षित ड्राइविंग को प्रोत्साहन मिल सके।
बिलासपुर। सड़क हादसों में कमी लाने के लिए ड्राइविंग स्कूल के प्रशिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। प्रशिक्षण के समय से ही ड्राइवरों को यातायात नियमों का पालन करने जानकारी दी जाए। साथ ही यातायात नियमों की अवहेलना के दुष्परिणाम की जानकारी दी जाए। इससे सड़क हादसों में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। ये बातें एएसपी नीरज चंद्राकर ने आल छत्तीसगढ़ ड्राइविंग स्कूल की बैठक के दौरान कही।
छतौना रोड स्थित होटल में शुक्रवार को आल छत्तीसगढ़ ड्राइविंग स्कूल की बैठक हुई। इसका मुख्य उद्देश्य ड्राइविंग स्कूलों और यातायात विभाग के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना था, ताकि सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में सुधार लाया जा सके। बैठक में चर्चा के दौरान मुख्य अतिथि एएसपी नीरज चंद्राकर ने यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के विभिन्न उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने ड्राइविंग स्कूलों को यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भी प्रेरित किया, जिससे सुरक्षित ड्राइविंग को प्रोत्साहन मिल सके।
परिवहन अधिकारी आनंद रूप तिवारी ने भी अपने संबोधन में ड्राइविंग स्कूलों के लिए पूर्ण सहयोग और समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग स्कूलों के प्रशिक्षण मानकों को सुधारने की दिशा में प्रशासन हर संभव सहायता प्रदान करेगा ताकि प्रशिक्षुओं को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके। इस अवसर पर ड्राइविंग स्कूल एसोसिएशन की अध्यक्ष पिंकी शर्मा ने कहा कि ड्राइविंग स्कूल और यातायात विभाग के समन्वित प्रयासों से सड़क सुरक्षा में सकारात्मक बदलाव आएगा।