Sarva Pitru Amavasya 2024: सर्व पितृ अमावस्या पर तर्पण करने से मिलेगा पूरे 16 दिन के श्राद्ध का फल

16 दिन के श्राद्ध पक्ष का सर्व पितृ अमावस्या के साथ समापन होने जा रहा है। सनातन धर्म में सर्व पितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya 2024) का विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिषाचार्य पंडित संजय पुरोहित का कहना है कि जो लोग किन्हीं कारणों से पितृ पक्ष में श्राद्ध नहीं कर सके, वे इस दिन तर्पण और श्राद्ध कर सकते हैं।

HIGHLIGHTS

  1. 2 अक्टूबर को है सर्व पितृ अमावस्या
  2. इस दिन तर्पण का विशेष महत्व है
  3. ज्ञात-अज्ञात पितरों का होता है श्राद्ध

धर्म डेस्क, इंदौर। भारत भर में इन दिनों पितृ पक्ष मनाया जा रहा है। लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए जलाशयों और घरों में तर्पण कर श्राद्ध कर रहे हैं। गरीबों, जरूरतमंदों काे भोजन करा रहे हैं और गोशालाओं में भी जमकर गोसेवा की जा रही है।

जो लोग किन्हीं कारण बस इन दिनों नित्य जलाशयों में पहुंचकर तर्पण नहीं कर सके, वह सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर तर्पण कर पूरे 16 दिन का फल प्राप्त कर सकते हैं।

दो अक्टूबर को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या
  • ज्योतिषाचार्य पंडित संजय पुरोहित बताते हैं कि दो अक्टूबर को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या रहेगी। इस दिन सभी तरह के ज्ञात और अज्ञात पितरों का तर्पण किया जा सकता है।
  • वैसे तो पितरों को रोज ही तर्पण करना चाहिए, लेकिन किसी समस्या के चलते यदि 16 दिन तर्पण नहीं कर सकें, तो आखिरी दिन पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर सकते हैं।
  • पंडित संजय ने बताया कि इस साल कई ऐसे संयोग बन रहे हैं जिनके चलते सर्व पितृमोक्ष अमावस्या पर किए गए श्राद्ध का कई गुना पुण्य मिल सकेगा। इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र है।

कई स्थानों पर नि:शुल्क श्राद्ध और तर्पण की व्यवस्था

देश के विभिन्न शहरों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए नि:शुल्क श्राद्ध और तर्पण की व्यवस्था की गई है। साथ ही इन दिनों बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया जा रहा है। कई जगह अमावस्या पर न्यास द्वारा भोजन करने वाले लोगों को वस्त्र भी भेंट किए जाएंगे।

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