Money Heist: वेब सीरीज ‘मनी हाइस्ट’ के पात्रों का नाम रखकर चला रहे थे ड्रग का रैकेट, ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ड्रग रैकेट (Drugs Racket In Raipur) का भंडाफोड़ हुआ है। एमडीएमए ड्रग का उपयोग मनोचिकित्सा संबंधी इलाज में होता है। आरोपी इसे नशे की दवा के रूप में युवाओं को सप्लाई कर रहे थे। एक आरोपी अपनी व्हाट्सएप डीपी में बहुचर्चित ड्रग पैडलर पाब्लो एस्कोबार का उपयोग करता था।

HIGHLIGHTS

  1. रायपुर में नशे का व्यापार करने वाले तीन युवकों को पकड़ा
  2. हिमाचल प्रदेश के मनाली से कुरियर से मंगाते थे नशीला पदार्थ
  3. आरोपित शुभम सोनी अपनी सुरक्षा के लिए रखता था पिस्टल

रायपुर (Drugs Racket in Raipur)। टिकरापारा थाना क्षेत्र में पुलिस ने एमडीएमए ड्रग के रैकेट को चलाने वाले मुख्य सरगना सहित तीन को गिरफ्तार किया है। शुभम सोनी, अभिषेक साहू उर्फ चीनी और लोकेश अग्रवाल उर्फ सोनू को पकड़ा है, जो वेब सीरीज ‘मनी हाइस्ट’ के किरदारों का नाम रखकर गिरोह चला रहे थे।

पूर्व में गिरफ्तार आरोपी ‘प्रोफेसर’ उर्फ आयुष अग्रवाल का राइट हैंड शुभम सोनी है। उसके पकड़े जाने के बाद पूरा काम यही देख रहा था। आरोपी कुरियर से एमडीएमए ड्रग मंगवाते थे।

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ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस, हिमाचल से निकला सीधा कनेक्शन

  • तीनों आरोपियों से चार पैकेट चरस, 98 नग एमडीएमए टैबलेट, एक नग पिस्टल, दो मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन, 100 नग खाली कैप्सूल और 100 नग प्लास्टिक का कैप्सूल कवर जब्त किया गया है।
  • एएसपी लखन पटले ने बताया कि शुभम सोनी कमल विहार में रहकर पूरे शहर में ड्रग की आपूर्ति कर रहा था। उसका सीधा कनेक्शन हिमाचल प्रदेश के मनाली में बैठे मुख्य तस्करों से रहा।
  • पुलिस टीम के एक सदस्य को ग्राहक बनाकर शुभम सोनी के पास एमडीएमए ड्रग खरीदने के लिए भेजा गया। पुलिस को उसके पास पिस्टल रखे होने की सूचना थी। उसे घेरकर पकड़ा गया।
  • शुभम सोनी ने बताया कि पूर्व में नारकोटिक एक्ट के प्रकरण में जेल में बंद आरोपी आयूष अग्रवाल का दोस्त था। उसके साथ वह एमडीएमए बेचता था। उसके साथी अभिषेक साहू और लोकेश अग्रवाल को भी पकड़ा गया।

नाम बदलकर रहता था आरोपी

शुभम सोनी माल खपाने और अपनी पहचान छिपाने के उद्देश्य से अपना नाम जिम्मी राय रखा था। व्हाट्सएप की डीपी में बहुचर्चित ड्रग पैडलर पाब्लो एस्कोबार का उपयोग करता था। इसके ग्राहक फिक्स थे। क्लब पब में जाने वालों से इनकी दोस्ती थी। एक फिक्स पाइंट पर यह माल को रख देते थे। इसके बाद ग्राहक जाकर उठा लेते हैं।

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